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पीआर एजेंसी पर हर माह पौने दो लाख लुटा रहा IIT प्रबंधन
Last Updated on January 21, 2020 by
वी कुमार/मंडी। भाई-भतीजावाद और गोलमाल के आरोपों से घिरे आइआइटी मंडी (IIT Mandi) का कारनामा सामने आया है। फिजूलखर्ची का कच्चा चिट्ठा आरटीआई से मिली जानकारी के माध्यम से उजागर हुआ है। खुलासा हुआ है कि आइआइटी मंडी ने जिस पीआर एजेंसी को हायर किया है उस पर हर महीने पौने दो लाख रुपए (One lakh and seventy five Thousand) फिजूल के खर्च किए जा रहे हैं। संस्थान के ही पूर्व कर्मचारी सुजीत स्वामी ने इस संदर्भ में आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी।
आइआइटी मंडी ने कामर्शियल सीक्रेट बताते हुए जानकारी देने से इनकार कर दिया। सुजीत स्वामी ने इसके लिए केंद्रीय सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया। जब वहां से डंडा पड़ा तो आइआइटी ने जुलाई 2018 से लेकर नवंबर 2019 तक पीआर एजेंसी को दिए गए पैसों का जानकारी दी। इस अवधि के दौरान एजेंसी को 30 लाख 29 हजार 676 रुपयों का भुगतान किया जा चुका है। अगर इसका मासिक अनुमान लगाएं तो हर महीने पीआर एजेंसी (PR Agency) पर 1 लाख 78 हजार रूपयों का भुगतान किया जा रहा है।
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पूर्व कर्मचारी सुजीत स्वामी का कहना है कि घोटालों और घपलों को छुपाने के लिए आइआइटी ने जिस पीआर एजेंसी को हायर किया है उस पर जनता के पैसों को लुटाया जा रहा है। संस्थान में सरकारी स्तर पर पब्लिक रिलेशन ऑफिसर तैनात है और उसे भी लाखों रुपयों की सैलरी दी जा रही है। बावजूद इसके अलग से पीआर एजेंसी हायर करके जनता के पैसों की बर्बादी की जा रही है। इन्होंने केंद्र सरकार से इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग उठाई है।