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नूरपुर। पंजाब से सटे नूरपुर उपमंडल की चक्की बैल्ट में दिन- रात धड़ल्ले से हो रहे अवैध खनन के लिए पुलिस-प्रशासन जिम्मेदार है। यह आरोप पूर्व विधायक राकेश पठानिया ने लगाया है। मंगलवार को नूरपुर प्रेस क्लब में पत्रकारवार्ता के दौरान बीजेपी नेता राकेश पठानिया ने कहा कि जहां एक तरफ इस सीमांत क्षेत्र में पुलिस-प्रशासन नशे के सौदागरों की कमर तोड़ने में कामयाब रहा है।
वहीं, पुलिस-प्रशासन की ढुलमुल रवैये के चलते चक्की बैल्ट में सक्रिय माफिया बेखौफ होकर अवैध खनन को अंजाम देकर पर्यावरण से खिलवाड़ कर रहा है। इसके खिलाफ वह जल्द ही हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर करेंगे। जहां तक कि इस सीमांत क्षेत्र में खनन पर पाबंदी के बावजूद खनन माफिया चक्की और छौंछ खड्डों का लगातार सीना छलनी कर रहा है, जिससे इलाके की कृषि भूमि के अलावा सिंचाई व पेयजल योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
पठानिया ने हाल ही में नूरपुर और इंदौरा क्षेत्र में खड्डों से जेसीबी मशीन, टिप्पर व पोकलेन जैसी भारी-भरकम मशीनों को पकड़ने और पुलिस प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करने के मामलों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जिला पुलिस प्रशासन के निर्देशों के बावजूद नूरपुर व इंदौरा पुलिस द्वारा चोरी के केस दर्ज नहीं किए जा रहे है, जोकि पुलिस और माफिया के बीच कथित आपसी सांठगांठ को दर्शाता है। साथ ही अवैध खनन में इस्तेमाल होने वाली मशीनरी के मालिकों की बजाय चालकों के खिलाफ केस दर्ज करना भी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश बीजेपी ने अपनी चार्जशीट में नूरपुर में हो रहे अवैध खनन के मसले को प्रमुखता से उठाया है, लेकिन नूरपुर क्षेत्र में कथित राजनीतिक संरक्षण के चलते खनन माफिया बेलगाम है। जहां तक कि चक्की खड्ड में अधिकांश स्टोन क्रैशर जो स्थानीय प्रशासन ने अवैध घोषित करके बंद भी करवा दिए है, बावजूद इसके यहां प्रतिबंधित जेसीबी मशीनों से दिन-रात बेखौफ अवैध खनन हो रहा है। अगर यही खनन अधिकृत माइनिंग लीज के अंर्तगत होता तो चक्की वैल्ट में फ्लैग पोस्ट होती जो कहीं भी नजर नहीं आती।
एसपी संजीव गांधी ने कहा :
इस बाबत एसपी कांगड़ा संजीव गांधी ने साफ किया कि अवैध खनन को लेकर पहली बार पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज करना शुरू हो चुका है और हर हाल में अवैध खनन पर नुकेल कसी जाएगी। उन्होंने माना कि गत 13 फरवरी को चक्की व छौंछ खड्डों में पकड़ी मशीनरी को लेकर भादसं की धारा 379 के तहत एफआईआर दर्ज करने और जिस जगह से यह मशीनरी पकड़ी गई है, उसकी निशानदेही करने की हिदायत दी गई थी। क्योंकि बिना निशानदेही चोरी का जुर्म प्रमाणित करना अंसभव है।
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