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धर्मशाला। वीरभद्र शासनकाल (Virabhadra Reign) में कॉलेज स्टूडेंट्स (College Students) से अवैध वसूली का मामला सामने आया है। ये वसूली वर्ष 2013 से 2018 के बीच हुई है। लेखा परीक्षा विभाग के ऑडिट (Audit Department) में इस बात का राज खुलकर सामने आया है। इसी से पता चला है कि कॉलेजों में विकास शुल्क के नाम पर 200 की जगह 500 रुपए तक वसूल लिए गए। इस मामले में संबंधित कॉलेज प्रिंसिपल पर जांच भी बिठाई जा सकती है।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शैक्षणिक शाखा (Himachal Pradesh University Academic Branch) की अधिसूचना के अनुसार विकास शुल्क 200 रुपए प्रति विद्यार्थी तय किया गया मगर इसे सामान्य श्रेणी के विद्यार्थियों से 500 रुपए और आईआरडीपी के विद्यार्थियों से 250 रुपए की दर से वसूला गया। वर्ष 2014-15 में मंडी जिले के गोहर स्थित राजकीय महाविद्यालय बासा में गलत तरीके से विकास शुल्क वसूला गया। यहां 705 सामान्य श्रेणी और 371 आईआरडीपी विद्यार्थियों से 2,67,150 रुपए की ज्यादा वसूली की गई। इसी तरह राजकीय महाविद्यालय करसोग में 3,08,350 रुपए की गलत तरीके से अतिरिक्त वसूली की गई। यह वसूली वर्ष 2014-15 में 1062 विद्यार्थियों से की गई। इनमें से आईआरडीपी के 41 विद्यार्थियों से इसे 250 रुपए प्रति विद्यार्थी की दर से वसूला गया। ये वसूली प्रदेशभर में बहुत सारे कॉलेज में इसी तरह हुई है।
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