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Important President rule in Kashmir : शिमला। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने को लेकर बीजेपी पर करारा पलटवार किया है। मीडिया विभाग के चेयरमैन नरेश चौहान ने कहा कि भाजपाई अपना चश्मा बदलकर देखें, राष्ट्रपति शासन की जरूरत हिमाचल में नहीं, जम्मू कश्मीर में है। हिमाचल में जनता की चुनी हुई लोकप्रिय सरकार बेहतर तरीके से चल रही है। जबकि, जम्मू-कश्मीर की बीजेपी-पीडीपी गठबंधन सरकार ने जनता में विश्वास खो दिया है। गठबंधन सरकार के सत्ता में आने के बाद से घाटी हिंसा की आग में जल रही है। हालात बदतर हुए हैं और आंतरिक स्थिति बेहद नाजुक बनी हुई है।
पत्थरबाजों और आतंकियों पर काबू पाने में सरकार नाकाम रही है। बीजेपी नेता देश हितैषी हैं तो केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करें। चूंकि, हिमाचल में राष्ट्रपति शासन के बीजेपी के मंसूबे पूरे होने वाले नहीं हैं। बीजेपी को तो कश्मीर के हालात देखकर पीडीपी से अब तक समर्थन वापस ले लेना चाहिए था। चौहान ने बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा कि कांग्रेस नगर निगम चुनाव से नहीं डरती। पार्टी पूरी तरह से चुनाव के लिए तैयार है।
नगर निगम की मतदाता सूचियों में त्रुटियों का मुद्दा बीजेपी ने भी उठाया था। कांग्रेस, वामपंथी दलों के अलावा आम जनता भी सूचियों में सुधार चाह रही थी। क्योंकि, मतदाता सूचियों में कुछ लोगों के नाम छूट गए हैं, एक वार्ड के लोगों का वोट दूसरे वार्ड में बना हुआ है। लोकतंत्र में जनता को पांच साल बाद चुनाव में मताधिकार का अवसर मिलता है। सूचियों में त्रुटियों के चलते वे इससे वंचित रहें, कांग्रेस ऐसा बिल्कुल नहीं चाहती। चुनाव आयोग का सूचियों में संशोधन करने का कदम सराहनीय है। बीजेपी को मालूम होना चाहिए कि शिमला नगर निगम पर वह कभी काबिज नहीं रही। कांग्रेस का एक छत्र राज रहा है, ये शिमला के लोगों के विश्वास के कारण ही संभव हो पाया। कांग्रेस ने अभूतपूर्व विकास कार्य शहर में किए हैं। बीजेपी भय का माहौल बनाकर जनता को गुमराह करने में लगी हुई है। कांग्रेस पार्टी ही चुनाव होने पर जीत दर्ज करेगी।
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