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प्रश्नकालः धारा 118 के 87 मामले सरकार के पास लंबित, 122 मामले वापस भेजे
Last Updated on September 15, 2020 by Deepak
शिमला। हिमाचल प्रदेश में भू-अधिनियम की धारा-118 (Section 118) के 87 मामले सरकार के पास लंबित हैं, जबकि 122 मामले अधूरी जानकारी के चलते वापस संबंधित डीसी को भेज दिए गए हैं। लंबित 87 मामलों की औपचारिकताएं पूरी होने के बाद इन्हें मंजूरी दे दी जाएगी। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने यह जानकारी बीजेपी (BJP) सदस्य रमेश ध्वाला के मूल प्रश्न और अरुण कुमार के अनुपूरक प्रश्न के जवाब में दी। शहरी विकास मंत्री ने कहा कि एक जनवरी 2018 के बाद 31 अगस्त 2020 तक धारा-118 के तहत अगल-अलग कार्यों के लिए 417 अनुमतियां दी गई हैं। वहीं, रिहायिश के लिए 388 मामलों को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व 2013-2017 के बीच कांग्रेस सरकार (Congress Govt) ने विभिन्न मामलों में 543 को मंजूरी दी और 844 हाउसिंग की मंजूरी दी है। कुल मिलाकर कांग्रेस के कार्यकाल में धारा-118 के 1387 मामलों को स्वीकृति दी। वहीं, बीजेपी के इस कार्यकाल में अभी तक 805 मामलों को मंजूरी दी गई।
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शहरी विकास मंत्री ने कहा कि सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (Ease of Doing Business) के लिए भू-अधिनियम की धारा में कोई परिवर्तन नहीं किया है। केवल रूल्स में परिवर्तन किया है और एक्ट में कोई बदलाव नहीं किया है। कांग्रेस सदस्य विक्रमादित्य सिंह के सवाल पर कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि टुटू सब्जी मंडी की जमीन के मामले का टाइटल अभी तक क्लीयर नहीं हुआ है। इस कारण यह मामला लटका है। जैसे ही कोर्ट से इस मामले में कोई निर्णय आएगा, सरकार सब्जी मंडी के निर्माण की प्रक्रिय़ा को आगे बढ़ाएगी। बीजेपी सदस्य नरेंद्र ठाकुर के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि हमीरपुर में मेडिकल कॉलेज के निर्माण का कार्य दिल्ली की एक कंपनी को अवार्ड कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसका निर्माण सीपीडब्ल्यूडी द्वारा किया जाना है और जल्द कार्य शुरू हो जाएगा। बीजेपी सदस्य अर्जुन सिंह के सवाल पर वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि पौंग बांध सबसे बड़ा वेटलैंड है। यहां पर खेती करने के लिए कानून को नहीं तोड़ा जाएगा, लेकिन किसानों को भी तंग नहीं किया जाएगा।
लड़भड़ोल में महीने में चार दिन बैठेंगे एसडीएम- सीएम
सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने कहा कि मंडी जिले के जोगिंद्रनगर हलके के तहत आने वाले लड़भड़ोल में लोगों की समस्या को देखते हुए जोगिंद्रनगर के एसडीएम को महीने में चार दिन बैठना अनिवार्य किया है। उन्होंने कहा कि लड़भड़ोल में एसडीएम (SDM) का पद सृजित करने का सरकार ने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है। वे जोगिंद्रनगर के विधायक प्रकाश राणा के सवाल का जवाब दे रहे थे। राणा का सवाल था कि लड़भड़ोल में एसडीएम के पद को लेकर सवाल किया था।