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हैदराबाद में इंस्पेक्टर ने हिमाचली शख्स की सर्जरी के लिए दिए 20 हजार, CM जयराम ने इस तरह किया धन्यवाद
Last Updated on April 24, 2020 by Sintu Kumar
शिमला/हैदराबाद। पूरे देश में जारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के बीच जहां हर कोई अपने आप को सुरक्षित रखने और अपनी जान बचाने की जुगत में लगा हुआ है। वहीं हैदराबाद के एक पुलिस अधिकारी ने लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान वहां फंसे हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के एक व्यक्ति की ऐसी मदद की जो मिसाल बन गई। मिली जानकारी के अनुसार हैदराबाद में एक पुलिस इंसपेक्टर ने हिमाचल के एक युवक की 20 हजार रूपए देकर मदद की। इस इंस्पेक्टर ने ना सिर्फ बीमार शख्स को इलाज के लिए पैसे दिए बल्कि उसे अस्पताल भी पहुंचाया।
Your Concern beyond Humanity towards Mr. Lalit who got stranded due to #LockDown really deserves this appreciation.
Admitting him at hospital & supporting financially on your own, proves once again that, police is there to reach every needy.
Proud of you Dear SHO Kukatpally. pic.twitter.com/Ay7Vs8O3zr— DGP TELANGANA POLICE (@TelanganaDGP) April 23, 2020
अब हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने उस शख्स को धन्यवाद किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार हिमाचली शख्स को अपेंडिक्स का दर्द होने के बाद अस्पताल ले जाने और सर्जरी के लिए 20,000 रूपए चुकाने वाले हैदराबाद के पुलिसकर्मी को हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर (Jairam Thakur) ने खत भेजकर धन्यवाद कहा है। सीएम जयराम ने उक्त इंस्पेक्टर को फोन करके भी आभार जताया। हैदराबाद के रहने वाले हिमाचल के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय (Governor Bandaru Dattatreya) ने भी समय पर मदद करने के लिए इंस्पेक्टर बीएल लक्ष्मीनारायण रेड्डी की तारीफ की।
इंस्पेक्टर ऑफ पुलिस लक्ष्मीनारायण रेड्डी कुकटपल्ली डिविजन में तैनात हैं। बताया गया कि 16, अप्रैल को डीजीपी कोविड 19 कंट्रोल रूम में एक कॉल रिसीव हुई कि कुकटपल्ली डिवीजन में किसी दूसरे राज्य का कोई व्यक्ति फंसा हुआ है और उसे मेडिकल संबंधी मदद चाहिए। कंट्रोल रूम ने यह सूचना कुकटपल्ली पुलिस के पास भेज दी। वहां यह मामला इंस्पेक्टर ऑफ पुलिस लक्ष्मीनारायण रेड्डी के पास आया। उन्हें पता चला कि ललित कुमार अपेंडिक्स के दर्द से परेशान हैं और उन्हें तत्काल मेडिकल संबंधी मदद चाहिए। ललित कुमार के पास अपना इलाज कराने के लिए पर्याप्त पैसे भी नहीं थे। ऐसे में इस पुलिस अधिकारी ने न केवल उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, बल्कि अपनी जेब से 20 हजार के बिल का भुगतान भी किया।