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#Indo-Japan_Samwad_Conference में मोदी ने रखा पारंपरिक बौद्ध साहित्य का पुस्तकालय बनाने प्रस्ताव
Last Updated on December 21, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi) ने पारंपरिक बौद्ध साहित्य और धर्मग्रंथों का एक पुस्तकालय ( library of traditional Buddhist literature and scriptures) बनाने प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा पुस्तकालय भारत में बनता है तो यह हमारे लिए खुशी की बात होगी वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से 6 वें इंडो – जापान संवाद सम्मेलन ( Indo-Japan Samwad conference) में मोदी के कहा कि इस मंच ने भगवान बुद्ध के विचारों और आदर्शों को बढ़ावा देने के लिए बहुत काम किया है, खासकर युवाओं में। ऐतिहासिक रूप से, बुद्ध के संदेश की रोशनी भारत से दुनिया के कई हिस्सों में फैल गई। उन्होंने कहा कि अतीत में, मानवता ने अक्सर सहयोग के बजाय टकराव का रास्ता अपनाया। संवाद था लेकिन वो एक-दूसरे को नीचे खींचने के लिए था। आइए अब साथ मिलकर उठते हैं। पीएम ने कहा कि हमें अपनी नीतियों के मूल में मानवतावाद को रखना चाहिए।
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Addressing the Indo-Japan Samwad conference. https://t.co/nsZ60A68Lh
— Narendra Modi (@narendramodi) December 21, 2020
पीएम बोले- बौद्ध साहित्य और दर्शन का महान खजाना कई देशों और भाषाओं में विभिन्न मठों में पाया जा सकता है। वह मानव जाति का खजाना है। पीएम मोदी ने कहा- मैं ऐसे सभी बौद्ध साहित्य और शास्त्रों के पुस्तकालय के निर्माण का प्रस्ताव करना चाहता हूं। हम भारत में इस तरह की सुविधा बनाने में प्रसन्न होंगे और इसके लिए उपयुक्त संसाधन उपलब्ध कराएंगे। यह पुस्तकालय अनुसंधान और संवाद के लिए एक मंच भी होगा। मनुष्य, समाज और प्रकृति के बीच भी इससे अच्छा संदेश जाएगा। इसके अनुसंधान जनादेश में यह जांचना भी शामिल होगा कि बौद्ध संदेश समकालीन चुनौतियों के खिलाफ हमारे आधुनिक दुनिया को कैसे निर्देशित कर सकते हैं।