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दुबई। हिमाचल के सीएम जय राम ठाकुर (Chief Minister of Himachal Pradesh Jai Ram Thakur) की मौजूदगी में हिमाचल सरकार और दुबई के विभिन्न उद्यमियों के बीच कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। हिमाचल सरकार और नोमिसमा बैंकिग एवं फाइनेंशियल अडवाईसरीए नीलगिरी ट्रेडिंग के बीच 1000 करोड़ रुपये लग्जरी रिजॉर्ट (luxury resort) के विकास के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए।
यह रिपोर्ट मुख्यतः भव्य शादी.समारोहो के आयोजन की दृष्टि से निर्मित होगा। मैसर्स एमकेएस ग्रुप के साथ नैचुरोपैथी रिजॉर्ट के लिए 100 करोड़ रुपये (Naturopathy resort worth Rs. 100 crore) और कम लागत वाले हाउसिंग के लिए 150 करोड़ रुपये के निवेश के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। हिमाचल में निवेश के अवसरों को उजागर करने और राज्य में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए राज्य सरकार और यूएई इंडिया बिजनेस कॉउंसिल के बीच एक अन्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यूएई इंडिया बिजनेस कॉउंसिल यूएई और भारत के बीच आर्थिक तालमेल को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार और यूएई द्वारा स्थापित अधिकारिक संयुक्त व्यापार परिषद है।
इसी तरह कृषि और खाद्य क्षेत्र में मौजूदा क्षमताओं को मजबूत और विस्तार करने के लिए राज्य सरकार और कार्यकारी अध्यक्ष और सीईओए आईएमईए.टीआईएफएफ और कार्यकारी अध्यक्षए मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष डीएमसीसी अहमद बिन सुलेयम के बीच एक और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। आपसी सहयोग, द्विपक्षीय प्रतिनिधिमंडल, द्विपक्षीय व्यापार और निवेश आदि गतिविधियां एमओयू का हिस्सा होंगी।
जयराम ने आज दुबई (Dubai) में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के महासचिव जमाल अल जरवान (Secretary General of Ministry of Economy, United Arab Emirate-UAE Jamal Al Jarwan) के साथ बैठक की तथा राज्य में खाद्य प्रसंस्करण, लॉजिस्टिकस, पर्यटन और बिजली आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिए विद्यमान अपार संभावनाएं उपलब्ध होने के बारे महासचिव को अवगत करवाया। जमाल ने कहा कि यूएई भारत में खाद्य प्रसंस्करण, लॉजिस्टिकस और बुनियादी ढांचे में निवेश का इच्छुक है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि वर्तमान में भारत और यूएई के मध्य 60 बिलियन डॉलर का व्यापार हो रहा है और यूएई सरकार इसे 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि यूएई की सरकार अधोसंरचना में निवेश कर रही है और यूएई के पास राजकीय कोष में अतिरिक्त धन उपलब्ध होने के कारण निवेश के लिए सभी संभावित अवसर खोज रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि यूएई हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला (Dharmshala) में आयोजित होने वाली ग्लोबल इनवेस्टर्स मीट में भी भाग लेगा। सीएम ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जाफज़ा और डीपी वर्ल्ड मोहम्मद अल मुल्लेम से भी मुलाकात की। मुल्लेम ने कहा कि उनका समूह हिमाचल में निवेश करने के लिए विशेष रूप से लॉजिस्टिक्स और परिवहन के अलावा बागवानी एवं कृषि उत्पादों के आयात-निर्यात (Agriculture sector) में उत्सुक है।
अगर बात सिरे चढ़ी तो हिमाचल के राजगढ़ (Rajgarh) को दुबई के सहयोग से डेस्टिनेशन के तौर पर डिवेल्प (Developed) किया जाएगा। इसमें थीम पार्क, हिमाचली हस्तशिल्प और फूड जॉइन्ट जैसी सुविधाओं को उपलब्ध करवाने पर बात चल रही है। ये चर्चा हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर (Chief Minister of Himachal Pradesh Jai Ram Thakur) की यूनाइटेड वर्ल्ड इंफ्रास्ट्रक्चर के ईकोनोमिक क्लस्टर के प्रबंध निदेशक आदित्य सरना के साथ हुई बैठक के दौरान शुरू हुई। कंपनी ने हिमाचल में स्मार्ट सिटी व पर्यटन गंतव्य विकास परियोजनाओं में रुचि दिखाई।
जयराम की अगुवाई में दुबई पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने औजान होर्डिंग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कनिष्का गुप्ता से भी भेंट की जिसके पास पेय पदार्थों विशेषकर फलों के रस आदि का 100 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने हिमाचल में सेब कंसंट्रेट की खरीद पर विस्तृत में चर्चा की। इसके अलावा, होटल उद्योग में निवेश के अवसरों व एचपीएमसी के साथ केन उत्पादन विनिर्माण व विकल्पों पर भी चर्चा की गई। बैठक में यह भी चर्चा हुई कि ईको टूरिज़म को बढ़ावा देने के लिए पराशर झील का संयुक्त दौरा किया जा सकता है।
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