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ऊना। जिला के गांव रायपुर सहोड़ा से लापता हुए नरेश उर्फ सुमित की मौत के बाद भड़के परिजनों व ग्रामीणों ने एक बार फिर शव को सड़क के बीच रखकर चंडीगढ़-धर्मशाला हाई-वे पर मैहतपुर में चक्का जाम किया। लोगों ने पुलिस व सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। परिजनों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। इस दौरान शव को सड़क पर ही रखा गया और लोगों ने मामले पर पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने पर अपना गुब्बार निकला। यातायात ठप होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
फिलहाल पुलिस ने ऊना और अजौली से ट्रैफिक को डाइवर्ट कर दिया था, जिस कारण मैहतपुर में ज्यादा गाड़ियों का जमावड़ा नहीं लग पाया। मामले की गंभीरता को देखते हुए मेहतपुर को पुलिस छावनी में बदल दिया गया था। लेकिन, डीएसपी और एसडीएम के अलावा कोई भी उच्चाधिकारी मौका पर नहीं पहुंचा, जिस कारण लोगों का गुस्सा लगातार बढ़ता गया। चक्का जाम से पहले प्रदर्शनकारियों ने बसदेहड़ा में एक कार्यक्रम में शिरकत पहुंचे उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर को ज्ञापन सौंपकर मामले की सीबीआई जांच और आरोपियों की धरपकड़ की मांग की। जाम लगने को लेकर पुलिस व प्रदर्शकारियों में काफी देर तक गहमा गहमी बनी रही।
एसी टू डीसी एसके पराशर ने कहा कि इस पूरे मामले में कहां चूक हुई है, इसकी जांच करवाई जाएगी। वहीं, सीबीआई से जांच करवाए जाने की मांग को जल्द ही सरकार के समक्ष उठाए जाने का दावा किया। वहीं, उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर ने परिजनों और ग्रामीणों की मांग को शीघ्र ही सीएम के समक्ष रखने का दावा किया। विक्रम ठाकुर ने कहा कि ग्रामीणों की मांगों को पूरा करवाने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा।
गौरतलब है कि नरेश उर्फ़ सुमित रायपुर सहोड़ा निवासी 24 तारीख को रायपुर से बंगाणा अपने मामा के पास घर से निकला। वहां पहुंचने के बाद करीब 6 बजे बंगाणा से वापस अपने घर के लिए रवाना हुआ, लेकिन आज दिन तक अपने घर नहीं पहुंचा। यह बात सुमित के छोटे भाई निखिल ने बताते हुए कहा कि जब बंगाणा से वापस घर के लिए लौटा तो करीब 7 बजे उसकी बात सुमित कुमार से हुई और सुमित ने कहा की भारी बारिश के चलते अपने दोस्त के पास ऊना में ही रुक जाऊंगा और सुबह ही घर पहुंचेगा उसके बाद उसका फोन 7:15 बजे तक चलता रहा और उसके बाद स्विच ऑफ हो गया।
25 तारीख सुबह जब वह घर पर नहीं पहुंचा तो घरवालों ने उसकी तलाश शुरू की 25 तारीख को जब उसके द्वार फोन पर द्वारा बात की गई तो फोन किसी औरत ने उठाया और वह बोली कि मैं कोटला कलां से बोल रही हूं, जब घरवाले उस औरत के पास पहुंचे तो उसने कहा कि यह फोन यहां पर गिरा हुआ था।
वहीं कुछ दूरी पर सुमित कुमार का मोटरसाइकिल और चप्पलें भी पड़ी हुई थी। आसपास काफी देर तक उसकी तलाश की गई, लेकिन वह नहीं मिला बाद में घरवालों ने इस बारे पुलिस को सूचित किया। इस बारे में बंगाणा और कोटला कलां में पुलिस ने पूछताछ की लेकिन सुमित कुमार का कोई सुराग नहीं मिला। अब उसका शव कोटला गांव में ही जंगल से मिला है।
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