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जन्माष्टमी पर ये किसका साया
Last Updated on August 12, 2020 by
हिमाचल अभी अभी। मार्च माह से लेकर अभी तक दो नवरात्र समेत कई त्योहारों को लील चुके कोविड-19 का बुरा साया इस बार जन्माष्टमी के पावन पर्व पर भी पड़ा है। नटखट कान्हा का जन्मोत्सव मनाने के लिए जहां मंदिरों में हजारों श्रद्धालु उमड़ते थे और आधी रात तक श्रद्धालु भगवान कृष्ण का पूजन अर्चना करते थे, वहीं इस बार प्रदेश के सभी मंदिरों में वीरानी छाई है। कोविड-19 के चलते करीब 5 माह से तमाम मंदिरों के कपाटों पर ताले लटक रहे हैं। लोग अपने- अपने घरों में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मना रहे हैं।
भगवान कृष्ण को समर्पित जिला ऊना का एकमात्र प्रमुख धार्मिक स्थल श्री राधाकृष्ण मंदिर कोटला कलां इस बार जन्माष्टमी पर पूरी तरह सुनसान रहा। राधा कृष्ण मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व करीब सप्ताह भर चलता है। जिसमें श्रीमद् भागवत कथा के भव्य आयोजन के साथ उत्तर प्रदेश के मथुरा से आने वाले कलाकार नटखट कान्हा की तमाम लीलाओं का भी मंचन करते हैं। वहीं इस कार्यक्रम में हजारों श्रद्धालुओं की सहभागिता भी दर्ज होती थी। लेकिन इस बार कोविड-19 के चलते मंदिर के कपाट अभी तक बंद चल रहे हैं।
गीता भवन मंदिर और कोटला कलां के प्राचीन महादेव मंदिर में भी इस प्रमुख पर्व पर सन्नाटा पसरा रहा। तमाम मंदिरों में पुजारी वर्ग द्वारा ही भगवान कृष्ण की साधारण तरीके से विधिवत पूजा अर्चना की गई। जबकि श्रद्धालुओं के लिए मंदिर पूर्णतया बंद रहे। वहीं इस बार की जन्माष्टमी श्रद्धालुओं ने अपने घरों में बच्चों को राधा और कृष्ण के रूप देकर मनाई।
हमीरपुर के सुजानपुर का प्राचीन मुरली मनोहर मंदिर में एक समय में जहां लोगों की भीड़ रहती थी वहीं पर आज केवल पुजारी ही दिखाई गिए।