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नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हजारों करोड़ रुपए के घोटाले के आरोपी नीरव मोदी के कारनामों की खबर देश के इनकम टैक्स विभाग के पास 8 महीने पहले से थी। अगर विभाग ने नीरव मोदी से संबंधित विभागीय रिपोर्ट को 8 महीने तक नहीं दबाया होता तो नीरव देश छोड़कर नहीं भागता।
अंग्रेज़ी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक आयकर विभाग की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि घोटाले के उजागर होने से 8 महीने पहले ही नीरव मोदी के काले कारनामों की उन्हें भनक लग गई थी, लेकिन विभाग ने दूसरी जांच एजेंसियों से यह जानकारी साझा नहीं की। नीरव मोदी के काले कारनामों में हीरो का फर्जी खरीद फरोख्त, शेयर के रेट बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना, रिश्तेदारों को गलत लोन देना और जाली कागज़ात के जरिये लोन लेने जैसी चीजें शामिल है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नीरव मोदी को लेकर 10 हज़ार पन्नों की रिपोर्ट 8 जून 2017 को तैयार की थी, लेकिन इसकी जानकारी सीबीआई, सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO), प्रवर्तन निदेशालय (ED), डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) को नहीं दी गई। ऐसे में 8 महीने बाद यानी फरवरी 2018 में पीएनबी घोटाले का खुलासा हो सका। आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी की दलाल है कि ये जानकारियां दूसरी जांच एजेंसियों के साथ इसलिए शेयर नहीं की गई, क्योंकि ऐसा कोई प्रोटोकोल नहीं है।
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