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India-China झड़प: सिरमौर में तोड़ा चाइनीज सामान, ABVP ने शिमला में फूंका चीन का झंडा
Last Updated on June 18, 2020 by Vishal Rana
नाहन/शिमला। लद्दाख में भारत-चीन (India China) सेना के बीच हुई झड़प के बाद पूरा देश गुस्से में है। प्रदेश भर में चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इसी के चलते गुरुवार को सिरमौर में बीजेपी (Sirmaur BJP) ने चाइनीच सामान का बहिष्कार करते हुए उसे तोड़कर चीन के खिलाफ अपना गुब्बार निकाला। वहीं, राजधानी शिमला (Shimla) में एबीवीपी (ABVP) ने चीन का झंडा जलाकर रोष प्रकट किया। सिरमौर बीजेपी ने भारत-चीन विवाद में शहीद हुए 20 जवानों के मामले में चाइनीज सामान तोड़कर चीन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। शहर के कालीस्थान तालाब के किनारे सिरमौर बीजेपी के अध्यक्ष विनय गुप्ता के नेतृत्व में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने चाइनीज सामान तोड़ते हुए चीन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद रोष प्रदर्शन करते हुए डीसी के माध्यम से देश के राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भेज चीन की इस कायराना हरकत पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग उठाई।
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जिला बीजेपी अध्यक्ष विनय गुप्ता ने कहा कि चीन लगातार भारतीय सीमा पर दखलंदाजी करने में लगा हुआ हैए जिससे पूरे भारत में रोष है। गुप्ता ने सभी लोगों से अपील करते हुए कहा कि आज सभी को चाइना के सामान का बहिष्कार करना चाहिए। आज सभी स्वदेशी उत्पाद अपनाकर आत्म निर्भर भारत बनाने में अपना योगदान दें। जिला बीजेपी अध्यक्ष ने राष्ट्रपति से मांग करते हुए कहा कि इस मामले में चीन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए।
शहीद वीर जवानों को पुष्प अर्पित कर श्रदांजलि दी
वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद शिमला (ABVP Shimla) ने आज डीसी कार्यालय के बाहर चीन का झंडा जलाकर विरोध प्रदर्शन (Protest) किया। वहीं उन्होंने भारत चीन हिंसक घटना में शहीद वीर जवानों को पुष्प अर्पित कर श्रदांजलि अर्पित की। जानकारी देते हुए शिमला जिला संयोजक सचिन ने जानकारी देते हुए कहा कि भारत-चीन के सीमा में लंबे समय से चली आ रहे विवाद और चीन द्वारा कथनी-करनी में भेद कर पीठ पीछे कायराना हमला करना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। चीन लगातार वास्तविक लाइन नियंत्रण, गलवान घाटी क्षेत्र में हिंसक घटनाओं अंजाम दे रहा है। भारतीय सेना के लगभग 20 जवान झंडप में शहीद हो गए है। भारत शहीदों की इस शहादत को सदैव याद रखेगा और शहीदों का बलिदान कभी भी व्यर्थ नहीं जाएगा। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि चीन को उसी की भाषा में जवाब दिया जाए।