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नई दिल्ली। भारत (India) सबसे तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्था (Economy) का तमगा चीन (china) से दोबारा हासिल करने में विफल रहा है, क्योंकि अप्रैल-जून तिमाही में उसकी आर्थिक वृद्धि दर 5% रही, जो पिछले 6 साल में सबसे कम है। वहीं, जनवरी-मार्च तिमाही में यह 5.8% थी। महीने की शुरुआत में सरकार ने विकास को बढ़ावा देने के लिए कई कदमों की घोषणा की थी। वहीं, इससे पिछले साल इसी तिमाही यानी अप्रैल-जून 2018-19 में जीडीपी ग्रोथ (GDP growth) की दर 8 फीसदी थी। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि जीडीपी ग्रोथ के आंकड़ों में गिरावट का अनुमान पहले से था। लेकिन सरकार की ओर से उठाए कदमों का असर अगले तिमाही में दिखने लगेगा।
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुछ देर पहले देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई बड़े ऐलान किए है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बताया कि देश की इकॉनमी सही हालात में है। वित्त मंत्री ने बैंकों की अच्छी स्थिति के बारे में कहा कि इनके एनपीए (नॉन पफॉर्मिंग ऐसेट) कम हुए हैं और मुनाफा बढ़ा है जो अच्छी खबर है। वित्त मंत्री ने बताया कि कम समय में लोन रिकवरी बढ़ गई है और कर्ज वसूली रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। एनपीए में कमी आई है और ये 8.65 लाख करोड़ रुपये से घटकर 7.90 लाख करोड़ रुपये हो गया है यानी अब 7.90 लाख करोड़ का एनपीए बचा है। 2019 में 1 लाख 21 हजार 76 करोड़ की रिकवरी हुई है जो काफी अच्छी कही जा सकती है। इसके अलावा 18 पब्लिक सेक्टर बैंकों में से 14 सरकारी बैंक फायदे में है, बैंकों का मुनाफा बढ़ा है।
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