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नई दिल्ली। पाकिस्तान (Pakistan) से मोस्ट फेवर्ड नेशन यानी MFN का दर्जा छीनने के बाद भारत अपने पड़ोसी देश पर दबाव बनाने के लिए एक और बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है। भारत ने अब पाकिस्तान को साउथ एशियन फ्री ट्रेड एरिया (SAFTA) से भी बाहर करने की तैयारी शुरू कर दी है। अगर पाकिस्तान इससे बाहर हुआ तो पहले ही दिवालिया हो चुका पाकिस्तान पाई-पाई के लिए मोहताज हो जाएगा।
पाकिस्तान पर बड़ी आर्थिक कार्रवाई के रूप में भारत के पास अभी सबसे बड़े विकल्पों में एक SAFTA से बाहर करने का है। अगर पाकिस्तान साफ्टा से बाहर हो जाता है तो उसे भारी नुकसान होगा। साफ्टा भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका का एक संगठन है, जिसे 2004 में गठित किया गया था और यह 2006 से प्रभावी हुआ था। इसके तहत साफ्टा में शामिल देशों के बीच मुक्त व्यापार की परिकल्पना की गई है।
.साफ्टा के बारे में सबसे पहले दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) के 12वें अधिवेशन में समझौता हुआ था।
.इस सम्मेलन में भारत, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान एवं मालदीव के बीच 2016 तक मुक्त व्यापार क्षेत्र कायम करने का प्रस्ताव रखा गया।
.शुरुआत में इसके तहत पहले चरण में दो साल के भीतर दक्षिण एशिया के विकासशील देशों भारत, श्रीलंका और पाकिस्तान को अपनी कस्टम ड्यूटी घटाकर 20 फीसदी तक करना था।
.इसके बाद अगले पांच साल में इसे शून्य करना की परिकल्पना की गई थी।
.इन तीन देशों के अलावा कम विकसित देश (नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और मालदीव) को टैरिफ शून्य करने के लिए अतिरिक्त तीन साल मिले।
.हालांकि टैरिफ शून्य करने का काउंट डाउन समझौता लागू करने के बाद शुरू होता। भारत और पाकिस्तान ने इसे 2009 में अपनाया।
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