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अंतरराष्ट्रीय न्यायालय : भारत के Dalveer Bhandari दूसरी बार Judge चुने गए
Update: Tuesday, November 21, 2017 @ 2:16 PM
नई दिल्ली। जस्टिस दलवीर भंडारी दूसरी बार हेग स्थित इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में चुने गए हैं। लंबी इलेक्शन प्रॉसेस के बाद आखिरकार उनके ब्रिटिश कॉम्पिटीटर जस्टिस क्रिस्टोफर ग्रीनवुड ने अपनी दावेदारी वापस ले ली। भारतीय समयानुसार सोमवार देर रात 2:25 बजे जस्टिस भंडारी के चुने जाने का ऐलान हुआ। वे इस आर्गनाइजेशन में दो बार पहुंचने वाले दूसरे भारतीय हैं। उनके खिलाफ मैदान में जस्टिस ग्रीनवुड के आईसीजे की दौड़ से बाहर होते ही यह पहला मौका होगा जब यूएस, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस (पी-5) का कोई जज इंटरनेशनल कोर्ट में नहीं होगा। गौर रहे कि दलवीर भंडारी भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधिश भी थे, उनका जन्म वर्ष 1 अक्टूबर 1947 को राजस्थान के जोधपुर में हुआ था दलवीर भंडारी के पिता और दादा राजस्थान बार एसोसिएशन के सदस्य थे। जोधपुर विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने राजस्थान उच्च न्यायालय में वकालत की। वर्ष 1991 में भंडारी वह दिल्ली आ गए और यहां वकालत करने लगे। अक्टूबर 2005 में वो मुंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने। दलवीर भंडारी ने 19 जून 2012 को पहली बार इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के सदस्य की शपथ ली थी, वो सुप्रीम कोर्ट में भी वरिष्ठ न्यायमूर्ति रहे हैं।
भंडारी को महासभा के करीब दो तिहाई सदस्यों का समर्थन मिला
दलवीर भंडारी इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में जाने से पहले भारत में विभिन्न अदालतों में 20 वर्ष से अधिक समय तक उच्च पदों पर रह चुके हैं। पहले के 11 दौर के चुनाव में भंडारी को महासभा के करीब दो तिहाई सदस्यों का समर्थन मिला, लेकिन सुरक्षा परिषद में वे ग्रीनवुड के मुकाबले तीन मतों से पीछे थे। 12वें दौर का चुनाव आज होना था और इस चुनाव से पहले ही ब्रिटेन ने अपने कदम खींच लिए। भंडारी की जीत भारत के लिहाज से बेहतरीन है, क्योंकि पाकिस्तान में बंद कुलभूषण जाधव का मामला भी अंतरराष्ट्रीय अदालत में है। माना जाता है कि ब्रिटेन को डर था कि कहीं भारत ने दो तिहाई मत हासिल कर लिए तो सुरक्षा परिषद के लिए भारत के प्रत्याशी को आईसीजे में निर्वाचित होने से रोकना बहुत मुश्किल होगा। भारत की लोकतांत्रिक तरीके से हुई इस जीत ने वीटो की शक्ति रखने वाले पांच स्थाई सदस्यों ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस, और अमेरिका पर भारत का दबदबा कायम कर दिया है।