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नई दिल्ली। देश का सबसे बड़ा पुल बनकर तैयार हो गया है। पीएम मोदी हरी झंडी दिखाकर करेंगे आवागमन की शुरुआत। उत्तर असम के डिब्रूगढ़ और धेमाजी के बीच ब्रह्मपुत्र नदी पर देश का सबसे बड़ा और एशिया दूसरा सबसे बड़ा बोगीबील पुल बन कर तैयार हो गया है। पुल की खासियत है कि ये डबल डेकर है। ये रेल और रोड ब्रिज है। मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी पुल से गुजरने वाली पहली पैसेंजर ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। पीएम मोदी, दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की वर्षगांठ के अवसर पर इस बोगीबील पुल पर रेल आवागमन की शुरुआत करेंगे। ये दिन केंद्र सरकार द्वारा ‘सुशासन दिवस’ के रूप में भी मनाया जाता है।
इस पर दो समानांतर रेल लाइनें हैं और इन पर ट्रेनें 100 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ सकेंगी। ट्रेन के पुल के ऊपर सड़क पुल होगा। इस पर 5800 करोड़ रुपए की लागत आई है। इसे बनाने में 77000 मेट्रिक टन लोहे का इस्तेमाल हुआ है। इस क्षेत्र में मार्च से अक्टूबर तक बारिश होती है। इसके चलते पुल निर्माण कार्य के लिए हर साल केवल 5 महीने का समय मिलता था। इस पर से चलने वाली पहली ट्रेन तिनसुकिया-नाहरलगुन इंटरसिटी एक्सप्रेस होगी, जो कि सप्ताह में पांच दिन चलेगी। कुल 4.9 किलोमीटर लंबे इस पुल की मदद से असम के तिनसुकिया से अरुणाचल प्रदेश के नाहरलगुन कस्बे तक की रेलयात्रा की जा सकेगी। तिनसुकिया से नाहरलगुन पहुंचने में कुल 10 घंटे का समय लगेगा।
बोगीबील पुल की लम्बाई 4.94 किलोमीटर है। इस पुल पर रेल लाइन और सड़क दोनों बनाई गई हैं। जिसमे ऊपर 3 लेन की सड़क बनाई गई है और पुल के नीचे के हिस्से में 2 रेलवे ट्रैक। इन पर 100 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ सकेंगी। इस पुल को बनाने में 5800 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। ब्रह्मपुत्र नदी पर बना ये पुल कुल 42 खम्बो पर टिका हुआ है जिन्हे नदी के अंदर 62 मीटर तक गाड़ा गया है। यह पुल 8 तीव्रता का भूकंप झेलने की क्षमता रखता है।
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