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कंगना के “भांबला” की है ये कहानी
Last Updated on September 27, 2020 by Deepak
मंडी। सरकाघाट उपमंडल के तहत आने वाले भांबला गांव में 30 वर्ष पूर्व स्थापित औद्योगिक क्षेत्र आज सिर्फ कागज़ों में ही औद्योगिक क्षेत्र बनकर रह गया है जबकि धरातल पर यहां उद्योग के नाम पर कुछ भी नजर नहीं आता। दी भांबला ट्रक/मिनी ट्रक आपरेटर ट्रांसपोर्ट को-आप्रेटिव सोसायटी ने औद्योगिक क्षेत्र की बदहाली को लेकर पूर्व से लेकर मौजूदा सरकार तक को कई बार चेताया लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ। सोसायटी के प्रधान कमल सिंह ठाकुर का आरोप है कि लोगों ने इंडस्ट्रियल एरिया में उद्योग के नाम पर जो जमीनें ली थी आज उनका निजी तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।
उद्योगों को बंद करके लोगों ने पक्के रिहायशी मकान बना दिए हैं और उन्हें किराए पर दे दिया है। 1991-92 में जब यह इंडस्ट्रियल एरिया बना था तो लगभग 50 उद्योगों के लिए जमीन दी गई थी लेकिन आज धरातल पर 5-10 उद्योग ही चल रहे हैं। कमल सिंह ठाकुर ने बताया कि कई बार सीएम को लिखित में शिकायत देने के बाद भी ज़मीनी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इनका कहना है कि यहां इंडस्ट्रियल एरिया को सही ढंग से विकसित करके बड़े उद्योग लगाए जाएं ताकि क्षेत्र के हजारों बेरोजगारों को घर द्वार पर रोजगार मिल सके। याद रहे कि ये वहीं भांबला है जहां से कंगना राणावत ताल्लुक रखती हैं।