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ईंधन की कमी को पूरा करेंगे मशीन से तैयार किए उपले, सोलन में लगाई प्रदेश की पहली Machine
Last Updated on September 30, 2020 by Vishal Rana
सोलन, दयाराम कश्यप। हिमाचल प्रदेश देश में अपने स्वच्छ पर्यावरण के लिए जाना जाता है। इसी स्वच्छता और पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के लिए इनरव्हील क्लब सोलन ने नई पहल की है। क्लब ने सोलन जिला में हिमाचल की पहली ऐसी मशीन स्थापित की है जिससे उपले तैयार किए जाएंगे। यह मशीन बुधवार को इंनरव्हील क्लब सोलन ने शहर के साथ लगते डांगरी गांव में गौशाला में गाय के गोबर से उपले बनाने के लिए डोनेट की। इस मौके पर गौशाला के फाउंडर कुलभूषण गुप्ता और इनरव्हील क्लब सोलन की टीम मौजूद रही। बता दें कि प्रदेश में निरंतर चल रहे विकास कार्यों के चलते पेड़ों का कटान हो रहा है। ऐसे में सामाजिक संगठन भी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य कर रहे है। इनरव्हील क्लब सोलन भी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम कर रहा है। इसी कड़ी में यह मशीन स्थापित की गई है।
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जानकारी देते हुए इनरव्हील क्लब सोलन की प्रधान प्रियंका अग्रवाल ने बताया कि गाय के गोबर से उपले तैयार करने के लिए डागंरी गौशाला में बुधवार को मशीन इंस्टॉल की गई है। यह प्रदेश में लगने वाली अपनी तरह की पहली मशीन है। उन्होंने बताया कि गोबर के उपलों को हम ईंधन के रूप में इस्तेमाल करके पेड़ों को कटने से बचा सकते हैं। इस मशीन से तैयार होने वाले उपलों का प्रयोग शवों को जलाने के लिए भी किया सकेगा। ईंधन की जरूरतें पूरा होने से हमारी हरियाली बची रहेगी। यह उपले पर्यावरण को भी संरक्षण प्रदान करेंगे। मशीन से उपले तैयार करने में ज्यादा खर्च भी नहीं आएगा। इस मशीन को दो लोग चला सकते है। इस मशीन में दो से तीन दिन पुराने गोबर को उपयोग में लाया जाता है। प्रियंका अग्रवाल ने बताया कि इस मशीन को डांगरी में लगाने का श्रेय कुलभूषण गुप्ता को भी जाता है। जिन्होंने इस मशीन को यहां लगाने के लिए सहयोग दिया। यह मशीन अपनी तरह की पहली ऐसी मशीन है जो हिमाचल में लगाई गई है। इनरव्हील क्लब ने इस मशीन को डांगरी की गौशाला में स्थापित करके एक मिसाल पेश की है।
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