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7 कैटेगरी में नामांकन के बाद भी विवेक अग्निहोत्री किया फिल्मफेयर अवार्ड 2023 का बायकाॅट
द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir files) के बाद अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री (Director Vivek Agnihotri) ने अब फिल्म फेयर अवॉर्ड 2023 (Filmfare Awards 2023) का बायकॉट (Boycott) करने का फैसला लिया है। विवेक अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया (Social Media) के जरिए फिल्म इंडस्ट्री (Film Industry) के अवॉर्ड फंक्शन (Award Function) पर भी तंज कसा है। उन्होंने लिखा है कि मैं विनम्रतापूर्वक इन अनैतिक और सिनेमा विरोधी पुरस्कारों का हिस्सा बनने से इनकार करता हूं।
ANNOUNCEMENT:
FILMFARE AWARDSI learnt from media that #TheKashmirFiles is nominated in 7 categories for the 68th Filmfare Awards. But I politely refuse to be part of these unethical and anti-cinema awards. Here is why:
According to Filmfare, other than the stars, nobody has… pic.twitter.com/2qKCiZ8Llh
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) April 27, 2023
इसलिए किया अवॉर्ड फंक्शन में जाने से इंकार
विवेक अग्निहोत्री ने अपने लिखा है कि फिल्मफेयर के मुताबिक स्टार्स के अलावा किसी का कोई चेहरा नहीं है। इसलिए फिल्मफेयर की चापलूस और अनैतिक दुनिया में संजय भंसाली (Sanjay Leela Bhansali) या सूरज बड़जात्या (Sooraj barjatya) जैसे मास्टर निर्देशकों का कोई चेहरा नहीं है। संजय भंसाली आलिया भट्ट (Alia Bhatt) की तरह दिखते हैं, सूरज मिस्टर बच्चन की तरह और अनीस बज्मी (Anees Bazmi) कार्तिक आर्यन की तरह। ऐसा नहीं है कि एक फिल्म निर्माता की गरिमा फिल्मफेयर पुरस्कारों से आती है लेकिन इस अपमानजनक व्यवस्था को बंद होना चाहिए।
बॉलीवुड पर तंज भी कसा
विवेक ने बायकॉट के फैसले के साथ बॉलीवुड पर भी तंज कसा। उन्होंने लिखा कि बॉलीवुड के एक भ्रष्ट अनैतिक और चापलूस प्रतिष्ठान के खिलाफ मेरे विरोध और असहमति के रूप में मैंने ऐसे पुरस्कारों को स्वीकार नहीं करने का फैसला किया है। मैं किसी भी दमनकारी और भ्रष्ट प्रणाली या पुरस्कारों का हिस्सा बनने से इंकार करता हूं जो लेखकों, निर्देशकों और फिल्म के बाकी एचओडी और चालक दल के सदस्यों को सितारों के नीचे या गुलामों के रूप में मानते हैं।
दुष्यंत कुमार की कविता भी आई विवेक के काम
विवेक ने अपनी पोस्ट में दुष्यंत कुमार (Dushyant kumar) की कविता का भी जिक्र किया। उन्होंने लिखा कि अवार्ड जीतने वाले सभी लोगों को मेरी बधाई और जो नहीं जीत पाते उन्हें और भी बहुत कुछ। उज्जवल पक्ष ये है कि मैं अकेला नहीं हूं। धीरे.धीरे लेकिन लगातार एक समानांतर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री उभर रही है। तब तक सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहींए मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदली जाएण, मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सहीए, कहीं भी आग लग सकती है, लेकिन आग जलनी चाहिए दुष्यंत कुमार
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