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कांगड़ा। केंद्र सरकार के एनएमसी बिल (NMC Bill) को लागू करने के विरोध में हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन ने आवाज बुलंद कर दी है। एसोसिएशन ने इस बिल की निंदा करने के साथ इसे ड्रेकानियन बिल करार दिया है। टांडा मेडिकल कॉलेज (Tanda Medical Colage) में भी नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में करीब 60 इंटर डॉक्टरों (Doctors) ने सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक के सामने मास कैजुअल लीव लेकर भूख हड़ताल (Hunger Strike) शुरू कर दी है।
उन्होंने यह हड़ताल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की नेशनल काउंसिल सदस्य डॉक्टर मनीला की अगुवाई में की है। यह लोग 24 घंटे तक हड़ताल पर बैठेंगे, जिसमें 12 घंटे की भूख हड़ताल रहेगी। इस हड़ताल में 40 के करीब प्रशिक्षु डॉक्टर भी शामिल हुए हैं। हालांकि इन्होंने भूख हड़ताल नहीं की है। इसके अलावा टीचर एसोसिएशन ऑफ मेडिकल कॉलेज टांडा ने भी इस हड़ताल का समर्थन किया है। बिल पर चिंता व्यक्त करते हुए मेडिकल काउंसिल की सदस्य डॉक्टर मनीला ने कहा कि इस बिल में पिछले एनएमसी बिल से सिर्फ कॉस्मेटिक बदलाव हुए हैं, जिसका 2016 के बाद से पूरे देश में चिकित्सा परिषद ने कड़ा विरोध किया था।
उन्होंने बताया कि इस बिल में सरकार ने धारा 32 को जोड़ा है जो सामुदायिक स्वास्थ्य प्रदाताओं को एमबीबीएस के अलावा अन्य पाठ्यक्रमों से पेशेवरों को चिकित्सा व्यवसायी लाइसेंस प्रदान करके कानून को वैध बनाती है। इंटर डाक्टरों की इस हड़ताल से हालांकि ओपीडी सेवाएं को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा है, लेकिन कुछ हद तक स्टाफ की कमी जरूर आई है। टांडा के इमरजेंसी सेवा में पूरा स्टाफ मौजूद है। वहीं पुलिस चौकी प्रभारी टांडा भूख हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
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