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कुल्लू। देवभूमि हिमाचल में आज से अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव का आगाज हो रहा है। देव मानव मिलन उत्सव में शामिल होने के लिए देवी-देवता कुल्लू पहुंच चुके हैं। हालांकि कोरोना के चलते प्रशासन की ओर से 7 देवी देवताओं के आने पर सहमति बनी थी लेकिन देवता नाग धूंबल दशहरा उत्सव में शामिल होने के लिए कुल्लू पहुंचे दशहरा उत्सव में निमंत्रण न दिए जाने को लेकर देवता नाग धूमल बहुत नाराज दिखे। देवता ने रघुनाथ नगरी में पहुंचते ही अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने अधिष्ठाता देवता रघुनाथ के समक्ष हाजिरी भरने के उपरांत कहा कि उन्हें किस-किस ने दशहरा में आने से रोका है सुबह से रघुनाथ की नगरी रघुनाथपुर में देवी देवताओं के आने का सिलसिला जारी रहा। ढोल नगाड़ों व नरसिंगों की स्वरलहरियों से पूरी घाटी गूंज उठी । राजपरिवार की दादी माता हिडिंबा, नग्गर की माता त्रिपुरा सुंदरी, खोखन के देवता आदि ब्रह्मा, पीज के जमदग्नि ऋषि ने रघुनाथ के समक्ष हाजिरी भरी।
इसके बाद सभी देवी देवता अपने अपने अस्थाई शिविरों के लिए रवाना हुए। जहां बाद में भगवान रघुनाथ के ढालपुर पहुंचते ही रथ यात्रा शुरू होगी । हालांकि इस बार दशहरा उत्सव में शामिल होने के लिए 7 देवी-देवताओं के आने पर सहमति बनी थी लेकिन बताया जा रहा है कि कुछ और देवी-देवता इनके अलावा भी दशहरा में शिरकत करने के लिए पहुंच रहे हैं।दशहरा उत्सव में खराहल घाटी के बिजली महादेव, राजपरिवार की दादी माता हिडिंबा, नग्गर की माता त्रिपुरा सुंदरी, खोखन के देवता आदि ब्रह्मा, पीज के जमदग्नि ऋषि, रैला के लक्ष्मी नारायण और ढालपुर के देवता वीरनाथ (गौहरी) शामिल होंगे।
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