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धर्मशाला। गर्मी के मौसम में अक्सर लोग पहाड़ों की तरफ का रुख करते हैं। धर्मशाला (Dharamshala) इन लोगों के लिए काफी पसंदीदा और लोकप्रिय माना जाता है। यहां का इलिटैराटी कैफे (Illiterati Cafe) इंटरनेट पर लोगों को काफी आकर्षित करता है। कैफे की सजावट के साथ साथ यहां की बालकनी (Balcony) से दिखने वाले खूबसूरत पहाड़ धरती पर स्वर्ग की परिकल्पना (Hypothesis) करने के लिए मजबूर कर देते हैं।
शहर के शोर-शराबे और भाग-दौड़ से परे यहां का जीवन शान्ति और सुकून प्रदान कराने वाला होता है। हालांकि यह जगह केवल अपने रूहानी दृश्यों के लिए मशहूर नहीं है। यहां पर काम करने वाला एक वेटर अंतर्राष्ट्रीय स्तर का अभिनेता है और इनकी फिल्मों ने कई अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड (International Award) अपने नाम किये हैं।
एक समय इलिटैराटी कैफे में वेटर (Waiter) की नौकरी करने वाले शावो डोर्जी (Shavo Dorjee) आज जाने-माने अंतर्राष्ट्रीय फिल्म अभिनेता (International FIlm Actor) हैं। उनकी फिल्म पावो ने दुनिया भर में तहलका मचा दिया था। गौरलतब है कि मूल रूप से तिब्बत के निवासी डोर्जी दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) में पढाई करते वक्त की थिएटर (Theatre) करने लगे थे और उन्होंने चायवाला, एंग्लो इंडियन और कई अलग-अलग किरदार निभाए थे।
दोर्जी ने फिल्म पावो (Pawo) में येशी (Yeshi) नाम के एक व्यक्ति का किरदार निभाया था। इस फिल्म को मार्विन लितवाक (Marvin Litwick) और सोनम सेतेन (Sonam Satan) ने निर्देशित किया है। इस फिल्म को कई फिल्म फेस्टिवल्स में नॉमिनेशन्स (Nominations) और अवॉर्ड्स भी मिल चुके हैं। अमेरिका में इस फिल्म को टॉप इंडी फिल्म फेस्टिवल (Top Indie Film Festival) मे अव़ॉर्ड मिला था। दोर्जी अब बॉलीवुड की एक मसाला फिल्म करना चाहते हैं ताकि इंडस्ट्री में तिब्बत के एक्टर्स से जुड़े स्टीरियोटाइप्स (Stereotypes) को चुनौती दी जा सके।
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