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वी कुमार/ धर्मपुर। सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अपने काम में कोताही बरतना भारी पड़ गया। वाटर टैंकों की प्रदेश सरकार को मुहैया करवाई गई रिपोर्ट के विपरीत स्थिति होने के चलते आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने धर्मपुर सब डिविजन के एसडीओ और जेई को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। इसके बाद मंत्री ने जोगिंद्रनगर मंडल के तहत आने वाले मकरीड़ी सेक्शन के जेई को भी निलंबित कर दिया। जानकारी के अनुसार रविवार को महेंद्र सिंह ठाकुर अपने गृह विधानसभा क्षेत्र धर्मपुर से जोगिंद्रनगर सीएम के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जा रहे थे।
रास्ते में पड़ने वाली उठाउ पेयजल योजना कांढापतन-मंडप के पंप हाउस की तरफ मंत्री ने अपना रुख किया। यहां की व्यवस्था से मंत्री असंतुष्ट नजर आए, क्योंकि अधिकारियों ने रिपोर्ट इसके विपरित मुहैया करवाई थी। फिर क्या था मंत्री का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया और मौके से ही अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए धर्मपुर सब डिवीजन के एसडीओ और जेई को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। इसके बाद मंत्री ने जोगिंद्रनगर मंडल के तहत आने वाले मकरीड़ी सेक्शन के जेई को भी निलंबित कर दिया। यहां पर भी मंत्री ने औचक निरीक्षण किया और व्यवस्था से संतुष्ट नजर नहीं आए।
मंत्री बोले, औचक निरीक्षणों का क्रम रहेगा जारी, अनियमितता पाए जाने पर होगी कार्रवाई
बता दें कि राज्य सरकार ने सत्ता में आते ही आईपीएच विभाग में टैंकों की साफ-सफाई का अभियान प्रदेश भर में 1 से 15 जनवरी तक चलाया गया था।बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने सफाई की झूठी रिपोर्ट बनाकर विभाग को सौंप दी थी, जबकि पंप हाउस का निरीक्षण करने पर मंत्री ने टैंकों में गंदगी पाई। मंत्री को औचक निरीक्षण के दौरान फिल्टर बैड में प्लास्टिक के डिब्बे मिले। फिल्टर मिडिया को बाहर रखा हुआ पाया गया। स्टाक सामग्री की कोई सूची नहीं लगाई गई थी, जिस कारण ही यह कार्रवाई अमल में लाई गई। खुद आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने इसकी पुष्टि की है और कार्रवाई किए जाने की बात कही है। साथ मंत्री ने यह भी चेताया है कि औचक निरीक्षणों का क्रम जारी है और अनियमितता पाए जाने पर कार्रवाई होना तय है।
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