…तो क्या बदला जाएगा शिमला का नाम
Update: Friday, October 19, 2018 @ 9:53 PM
लेखराज धरटा/ शिमला। शिमला सहित प्रदेश में अंग्रेजों द्वारा रखे स्थलों, शहरों और भवनों के नाम जयराम सरकार बदल सकती है। सीएम जयराम ठाकुर ने इसको लेकर संकेत दे दिए हैं। अंग्रेजों द्वारा रखे गए नामों को बदलने को लेकर सरकार विचार कर रही है और नाम बदलने को लेकर लोगों से सरकार अब सुझाव भी लेगी।

सीएम जयराम ठाकुर ने कहा है कि नाम बदलने में कुछ गलत नहीं है। अंग्रेजों के शासन के समय शिमला का नाम श्यामला देवी था, लेकिन इसका नाम बदल दिया गया। वहीं, शिमला में ही कई जगहों के नाम अंग्रेज़ी हुकूमत द्वारा रखे गए थे। सीएम ने कहा कि जरूरत पड़ने पर ऐसे रिज, स्कैंडल प्वाइंट, एडवांस स्टडीज और वॉयस रीगल लॉज समेत ऐसे नामों को बदलने पर विचार किया जाएगा। इसके लिए लोगों से सुझाव लिए जा रहे हैं। विश्व हिंदू परिषद ने पहले ही पहाड़ों की रानी शिमला का पुराना नाम श्यामला और पर्यटन नगरी डलहौजी का नाम सुभाष चंद्र बोस नगर रखने की मांग कर रहा है।
बता दें कि शिमला का पुराना नाम श्यमाला था। शिमला के कालीबाड़ी मंदिर को पहले श्यामला माता के नाम से जाना जाता था। इसी पर इस शहर का नाम श्यामला हुआ करता था। बाद में मंदिर का नाम कालीबाड़ी और शहर का नाम शिमला कर दिया गया। दरअसल, जब अंग्रेज पहाड़ों की रानी शिमला आए तो उन्होंने इसका नाम ‘सिमला कर दिया, जो बाद में शिमला हो गया। अंग्रेजों ने साल 1864 में इस शहर को बसाया था। इसे लेकर कांग्रेस कार्यकाल में विहिप ने सरकार को शिमला का नाम बदलने को लेकर एक मैमोरेंडम भी सौंपा था।