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ऊना। सपनों को पूरा करना बहुत मुश्किल नहीं है, यदि आपका लक्ष्य सही हो और आप अपने लक्ष्य के लिए लगातार मेहनत कर रहे हैं तो आप को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है। दौर आत्मनिर्भर भारत है। ऐसे में हर कोई चाहता है कि वो ऐसा कुछ करके दिखाएं जिससे उसका परिवार, समाज देश प्रदेश उस पर फख्र करें। आज आप को मिलवाते हैं ऊना की ईशा चौधरी से है। वैसे तो ईशा डॉ. वाईएस परमार वानिकी विश्वविद्यालय से हॉर्टिकल्चर विषय में स्नातक है। सरकारी नौकरी के पीछे न भाग कर इन्होंने होम बेकिंग के माध्यम से स्वरोजगार को अपनाया है। माता-पिता के सहयोग व 50 हजार रुपए की धनराशि का निवेश कर ईशा ने केक, ब्राउनी, कप केक, पेस्ट्रीज़, कुकीज व होम मेड चॉकलेट बनाने का व्यवसाय शुरू किया। एक वर्ष के छोटे से अंतराल में ही उनका व्यवसाय फलने-फूलने लगा है और वह जिला ऊना ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के लिए महिला उद्यमिता की मिसाल बनकर उभरी हैं। आज हाल ये है कि उनके केक की डिलीवरी के लिए ग्राहक को अपना ऑर्डर 3 से 10 दिन पहले तक देना पड़ता है।
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