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नई दिल्ली। इशरत जहां एनकाउंटर केस (Ishrat Jahan encounter case) में आरोपी बनाए गए तीनों पुलिस अधिकारियों को सीबीआई अदालत ने बरी (acquits) कर दिया है। सीबीआई की विशेष अदालत (CBI Special Court) ने क्राइम ब्रांच के तीन अधिकारियों गिरिश सिंघल, तरुण बारोट और अंजु चौधरी को मामले के सभी आरोपों से बरी कर दिया है। इसके साथ ही सीबीआई अदालत ने यह भी कहा कि इशरत लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) की आंतकी थी, इस खुफिया रिपोर्ट को नकारा नहीं जा सकता। ऐसे में अदालत (Court) ने तीनों अधिकारियों को निर्दोष बताते हुए पूरे मामले से बरी कर दिया है।
आपको बता दें कि 15 जून, 2004 को मुंबई (Mumbai) के नजदीक मुम्ब्रा की रहने वाली 19 वर्षीय इशरत जहां की गुजरात पुलिस के साथ मुठभेड़ (Encounter) हुई। इस मुठभेड़ में इशरत जहां (Ishrat Jahan) के अलावा जावेद शेख उर्फ प्रनेश पिल्लई, अमजदली अकबरली राणा और जीशान जौहर भी मारे गए थे। हालांकि मुठभेड़ को लेकर पुलिस ने दावा किया था कि मारे गए सभी लोग आतंकवादी थे और गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी (CM Narendra Modi) की हत्या करने की साजिश रच रहे थे। मामले में उच्च न्यायालय द्वारा गठित विशेष जांच टीम (Special Investigation Team) ने निष्कर्ष निकाला की यह मुठभेड़ फर्जी थी। इसके बाद इस मामले में सीबीआई (CBI) ने कई पुलिस कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
आपको बता दें कि आरोपी बनाए गए दो अधिकारी (Officers) रिटायर हो चुके हैं। उधर, सीबीआई ने 20 मार्च को ही अदालत (Court) को सूचित किया था कि राज्य सरकार ने तीनों आरोपियों के खिलाफ अभियोग चलाने की मंजूरी नहीं दी है। इस मामले में अदालत (Court) ने अक्तूबर, 2020 को आदेश देते हुए टिप्पणी की थी कि आरोपी पुलिस (Police) कर्मियों ने आधिकारिक कर्तव्य के तहत कार्य किया था। इसलिए एजेंसी को अभियोजन की मंजूरी लेने की जरूरत है।
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