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नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने सैटेलाइट सेंटर को निजी कंपनियों के लिए खोल दिया है और दो निजी कंपनियों के सैटेलाइट टेस्ट भी किए गए। इसरो के 50 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। भारतीय स्टार्ट अप्स के दो सैटेलाइट स्पेसकिड्ज इंडिया और पिक्सल का इसरो के यूआर राव सैटेलाइट केंद्र (UR Rao Satellite Center) में परीक्षण हुआ। गौर हो कि भारत ने पिछले साल जून में अपने अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी कंपनियों को खोलने का ऐलान किया था। इसके लिए एक स्वतंत्र निकाय, भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) की स्थापना की गई थी। यह संस्था ना केवल निजी क्षेत्र की अंतरिक्ष गतिविधि की देखरेख करेगी बल्कि इसरो की सुविधाओं को संभालने और साझा करने का भी काम करेगी। निकाय के निर्णय को मानना इसरो के लिए भी बाध्यकारी होगा।
इसरो ने दो सैटेलाइट को मंजूरी दी है। इसमें एक निजी कंपनी (Private company) की है और दूसरी सैटेलाइट छात्रों की डेवलप की हुई है। इसमें स्पेसकिड्ज इंडिया को छात्रों ने डिजाइन किया है। इसरो इस महीने के अंत में निर्धारित पीएसएलवी मिशन के तहत वाणिज्यिक सैटेलाइट्स को लॉन्च करने के लिए तैयार है। यह पहला मिशन होगा जिसमें भारतीय उद्योग की सैटेलाइट्स को व्यावसायिक रूप से इसरो द्वारा लॉन्च किया जाएगा। पीएसएलवी सी-51 मिशन एक ब्राजीलियाई उपग्रह अमोनिया-1 को न्यूस्पेस इंडिया (इसरो की वाणिज्यिक शाखा) की वाणिज्यिक व्यवस्था के तहत लेकर जाएगा। इसके अलावा, लॉन्च व्हीकल 20 पैसेंजर सैटेलाइट्स को लेकर जाएगा।
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