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नई दिल्ली। इसरो (ISRO) ने ‘चंद्रयान-2’ (Chandrayaan-2) के ऑर्बिटर के DF-SAR पेलोड द्वारा चंद्रमा के सतह पर ली गई विशाल गड्ढों की तस्वीरें और उनका विवरण जारी किया है। DF-SAR पेलोड को विशाल गड्ढों के आकार संबंधी बारीक जानकारियां देने के लिए बनाया गया है। इसरो के अनुसार, विशालकाय गड्ढे चांद की सतह पर उल्कापिंडों, क्षुद्रग्रहों और धूमकेतुओं की लगातार बौछार का परिणाम हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा भेजे चांद के राज खंगालने में जुटे चंद्रयान-2 के रडार ने यह भी जानकारी जुटाई है कि ज्वालामुखी वाले गड्ढों बनने की वजह चांद में अंदरूनी टकराव और विस्फोट हैं।
#ISRO#Chandrayaan2’s DF-SAR is designed to produce greater details about the morphology and ejecta materials of impact craters on the lunar surface. Have a look of initial images and observations made by DF-SAR
For more details please visit: https://t.co/1j7SBcXIpl pic.twitter.com/SEHukoYJMV
— ISRO (@isro) October 22, 2019
ये खुलासा चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर में लगे डुअल फ्रिक्वेंसी सिंथेटिक एपर्चर राडार (DF-SAR) ने किया है। इस उपकरण ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर मौजूद सतह का अध्ययन किया है। आप इस उपकरण से ये पता कर सकते हैं कि कहां गड्ढे हैं? कहां पहाड़ हैं? कहां समतल जमीन है? और कहां पत्थर पड़े हैं? इस उपकरण की खासियत ये है कि यह कम से कम चांद की सतह से 2 मीटर ऊंची किसी भी वस्तु की तस्वीर आराम से बनवा सकता है। इसके लिए इस उपकरण से दो प्रकार की किरणें निकलती हैं। उन किरणों के सतह से टकराने और उनके वापस लौटने के आंकड़ों को जुटाकर यह पता किया जाता है कि चांद की सतह पर क्या है?
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