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ISRO’s GSAT-9 launch: नई दिल्ली। इसरो ने 2230 किलो के साउथ एशिया सैटेलाइट GSAT- 9 की लॉन्चिंग सफलतापूर्वक कर दी है। इसे जीएसएलवी-एफ 09 रॉकेट के जरिए श्रीहरिकोटा से 4:57 मिनट पर लॉन्च किया गया। इसके जरिए पाकिस्तान को छोड़कर बाकी साउथ एशियाई देशों को कम्युनिकेशन की सुविधा मिलेगी। इस मिशन में अफगानिस्तान, भूटान, नेपाल, बांग्लादेश, मालदीव और श्रीलंका शामिल हैं। इस प्रोजेक्ट पर 450 करोड़ रुपए का खर्च आया है। आपको बता दें कि पीएम मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों से दक्षेस उपग्रह बनाने का आग्रह किया था जो पड़ोसी देशों को ‘भारत की ओर से उपहार’ के तौर पर दिया जा सके। पीएम नरेंद्र मोदी ने सैटलाइट के सफल लॉन्च के लिए वैज्ञानिकों को बधाई दी है। वहीं पीएम मोदी ने इस प्रोजेक्ट में शामिल सभी देशों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जिरए बात की और देश के प्रतिनिधियों को इसकी जानकारी दी। मोदी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट बांग्लादेश और मालदीव को भी फायदा होगा।
श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से दक्षिण एशिया सेटेलाइट को लॉन्च किया चाएगा। 8 Sarak देश इस इस परियोजना का हिस्सा हैं। उपग्रह को इसरो का रॉकेट GSAT-9 और GSLV-F06 लेकर जाएगा। इस उपग्रह की लागत करीब 235 करोड़ रुपए तक है। इस सेटेलाइट से दक्षिण एशिया के कई देशों में बातचीत को बढ़ावा मिलेगा। आपदा के समय भी सहायता मिलेगी। साथ ही सेटेलाइट से प्राकृतिक संसाधनों की मैपिंग, टेलीमेडिसिन, शिक्षा, मजबूत आईटी कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी। सेटेलाइट से पड़ोसी देशों को हॉटलाइन की सुविधा भी मिलेगी। इस मिशन का जीवनकाल 12 साल का है।
आपको बता दें कि 8 Sarak देशों में से भारत, श्रीलंका, भूटान, अफगानिस्तान, नेपाल और मालदीप शामिल हैं। जबकि पाकिस्तान ने ये कहते हुए इससे बाहर रहने का फैसला किया है कि उसका अपना अंतरिक्ष कार्यक्रम है। इस सेटेलाइट को पीएम मोदी की ओर से दक्षिण एशियाई पड़ोसी देशों के लिए उपहार माना जा रहा है। मई 2014 में सत्ता में आने के बाद पीएम ने इसरो के वैज्ञानिकों से दक्षेस उपग्रह बनाने के लिए कहा था, जो पड़ोसी देशों को भारत की ओर से उपहार होगा।
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