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मणिपुर में कांग्रेस ने बिगाड़ा सियासी खेल: 3 BJP विधायकों ने बदला पाला, डिप्टी CM समेत 4 मंत्रियों का इस्तीफा
Last Updated on June 17, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। देश में एक तरफ कोरोना वायरस अपने चरम पर पहुंच गया है, वहीं चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने की खबर ने पूरे देश के झकझोर कर रख दिया है। इस सब के इतर देश के तमाम राजनीतिक दल अपनी-अपनी सत्ता का विस्तार करने में जूते हुए हैं। ताजा अपडेट के अनुसार मणिपुर (Manipur) में अब सियासी समीकरण पूरी तरह से बिगड़ गया है। सूबे में बीजेपी की सरकार गिरना तय हो गया है। उसके तीन विधायक पार्टी से इस्तीफा देकर कांग्रेस (Congress) में शामिल हो गए हैं। इसके अलावा सत्तारूढ़ दल एनपीपी के चार विधायकों ने मंत्रीपद छोड़ दिया है। इसके साथ ही राज्य के डिप्टी सीएम वाई जयकुमार सिंह ने पद से इस्तीफा दे दिया है।
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यहां जानें किस-किस ने छोड़ा बीजेपी का साथ
बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले तीनों विधायकों का नाम एस सुभाषचंद्र सिंह, टीटी हाओकिप और सैमुअल जेंदई है। वहीं नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) की ओर से सरकार में शामिल डिप्टी सीएम वाई जयकुमार सिंह, मंत्री एन कायिसी, मंत्री एल जयंत कुमार सिंह और लेतपाओ हाओकिप ने अपने-अपने पद से इस्तीफा दिया है। इसके साथ ही तृणमूल कांग्रेस (TMC) के विधायक टी रबिंद्रो सिंह और निर्दलीय विधायक शहाबुद्दीन ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। बता दें कि मणिपुर में एन बीरेन सिंह वर्तमान सीएम हैं। जिन विधायकों ने आज बीजेपी छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन की है, वे संभावित रूप से कांग्रेस को समर्थन दे सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो राज्य में सरकार का वजूद खतरे में आ जाएगा और राष्ट्रपति शासन की संभावना भी बन सकती है।
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यहां जाने किस तरह बन-बिगड़ रहा है सूबे का राजनीतिक समीकरण
2017 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस 28 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी और मणिपुर की 60 में से 21 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। लेकिन बीजेपी (BJP) ने एनपीपी, नागा पीपुल्स फ्रंट (NPF) और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के साथ गठबंधन करके बीरेन सिंह के नेतृत्व में सरकार बनाने में कामयाबी हासिल की। एनपीपी और एनपीएफ के 4-4 विधायक हैं और एलजेपी के पास एक है। एक निर्दलीय विधायक और एक टीएमसी विधायक ने भी मणिपुर में बीजेपी का समर्थन किया था। लेकिन अब एनपीपी ने बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया है और बीरेन सिंह की सीएम की कुर्सी को खतरे में डाल दिया है। टीएमसी के साथ-साथ निर्दलीय विधायक ने भी बीजेपी सरकार से अपना समर्थन खींच लिया है और बीजेपी के तीन विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया है। इससे बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन की संख्या 23 हो गई है। ऐसे में मौजूदा समीकरण को देखकर यह माना जा रहा है कि सूबे में बीजेपी की सरकार पक्के तौर पर गिर जाएगी।