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FATF की ग्रे लिस्ट में ही बना रहेगा पाकिस्तान: ना तुर्की की चली, ना चीन का मिला साथ
Last Updated on October 23, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। पाकिस्तान (Pakistan) की ओर से लगातार आतंकियों और आतंकी संगठनों को पनाह दी जा रही है। इस बीच फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक में फैसला लिया गया कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट (Gray List) में ही रखा जाएगा। शुक्रवार शाम को जारी किए गए बयान में एफएटीफ ने बताया कि पाकिस्तानी सरकार आतंकवाद के खिलाफ 27 सूत्रीय एजेंडे को पूरा करने में विफल रही है। एफएटीएफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधित आतंकवादियों के खिलाफ भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
चीन, मलेशिया और सऊदी अरब ने भी नहीं दी मंजूरी
इमरान खान के लिए यह इसलिए भी बेहद निराश करने वाली खबर है क्योंकि उनकी सरकार ने एफएटीएफ की आंखों में धूल झोंकने के लिए कई हथकंडे अपनाए थे और ग्रे लिस्ट से बाहर होने के लिए लॉबिंग फर्म कैपिटल हिल की सेवा भी ली थी। हालांकि, एफएटीएफ ने पाकिस्तान के स्टेटस को चेंज नहीं किया। इसके अलावा नामित करने वाले चार देश-अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी भी पाकिस्तान की सरजमीं से गतिविधियां चला रहे आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की उसकी प्रतिबद्धता से संतुष्ट नहीं हैं।
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एफएटीएफ प्लेनरी में तुर्की ने प्रस्ताव दिया कि 27 में से शेष छह मापदंडों को पूरा करने के लिए इंतजार करने की बजाय सदस्यों को पाकिस्तान के अच्छे काम पर विचार करना चाहिए। साथ ही एक एफएटीएफ ऑन-साइट टीम को अपने मूल्यांकन को अंतिम रूप देने के लिए पाकिस्तान का दौरा करना चाहिए। वहीं जब प्रस्ताव को 38 सदस्यीय प्लेनरी के सामने रखा गया तो किसी भी सदस्य ने प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी। यहां तक कि चीन, मलेशिया या सऊदी अरब ने भी इसको मंजूरी नहीं दी। अब एफएटीएफ ने अगले साल फरवरी की अगली समीक्षा तक पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखने का फैसला किया है।