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शिमला। चीन के साथ लगती सीमा पर सुरक्षा कवच को और पुख्ता किया जा रहा है। सीमा पर तैनात जवानों को किसी भी विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए बैकअप अब तुरंत मिलेगा। इसके लिए रामपुर के समीप ही आईटीबीपी की बटालियन स्थापित करने को जमीन की स्वीकृति दे दी है। आईटीबीपी ने राज्य सरकार ने चीन सीमा के मार्ग पर समीप ही बटालियन के लिए जमीन की मांग की थी। इसके लिए सतलुज नदी के दोनों छोर पर कई स्थानों पर जमीन की तलाश की गई थी। कहीं पर जमीन कम मिल रही थी तो कहीं पर जंगल ज्यादा आ रहा था और अंतत तलाश कालना के पास समाप्त हुई। कालना नेशनल हाई-वे के समीप है और यहां से सीमा की तरफ जाने को भी आसानी है। सरकार ने शिमला जिले के रामपुर बुशहर के साथ लगते कालना में इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के लिए जमीन स्वीकृत कर दी है।
राज्य सरकार ने आईटीबीपी के लिए 78 हेक्टेयर जमीन स्वीकृत की है। सीएस वीसी फारका ने जमीन स्वीकृत करने की पुष्टि की है। इस जमीन के अधिग्रहण की औपचारिकताएं जल्द ही पूरी की जाएगी। कालना रामपुर के साथ शिंगला हैलीपैड के साथ है और यहां से एनएच भी साथ लगता है। इस स्थान पर आईटीबीपी का पूरी बटालियन स्थापित होगी। यहां पर बटालियन के लिए जरूरी सभी प्रबंध होंगे और यहां पर सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। आईटीबीपी की सराहन में भी एक बटालियन है और इसे भी सुरक्षा के मद्देनजर स्थापित किया गया है।
भारत-तिब्बत सीमा पर सुरक्षा का जिम्मा आईटीबीपी के पास है और इसका गठन 1962 के चीन युद्ध के बाद किया गया था। चीन सीमा के साथ लगने वाली सीमा पर आईटीबीपी ही तैनात होती है और हिमाचल में किन्नौर और स्पीति के साथ 260 किमी. लंबी सीमा लगती है। किन्नौर और स्पीति में भी इनकी बटालियन कई बटालियन है और इनके लिए बैकअप में नीचे और बटालियन स्थापित की जा रही है। इसके लिए यहां उपयुक्त जमीन की तलाश हो रही थी और वह अब पूरी हो गई है। अब जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया चलेगी और उसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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