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जयराम ठाकुर ने कांग्रेस की सरकारों पर लगाया वित्तीय कुप्रबंधन का आरोप
शिमला। हिमाचल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने राज्य की आर्थिक स्थिति को लेकर कांग्रेस सरकार के श्वेत पत्र (White Paper OF Sukhu Govt On Himachal Economic Status) को झूठ का पुलिंदा बताते हुए कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों पर ही वित्तीय कुप्रबंधन (Financial Mismanagement) का आरोप मढ़ दिया। जयराम ने रविवार को यहां प्रेस वार्ता में कहा कि श्वेत पत्र में दिए आंकड़े झूठे हैं। वित्तीय कुप्रबंधन की शुरुआत 1993 से 1998 में कांग्रेस शासनकाल में हुई, जब कांग्रेस ने बिजली बोर्ड और निगमों के नाम पर 1000 करोड़ का ऋण लिया, 2012 से 2017 के बीच 20,000 करोड़ से अधिक का ऋण लिया।
लोन और ब्याज चुकाने के लिए लेना पड़ा लोन
उन्होंने कहा कि हमें कांग्रेस सरकार के ऋण और ब्याज को चुकाने के लिए ऋण (Loan) लेना पड़ा। 2017 में जब हमारी सरकार बनी तो 48,000 करोड़ का ऋण था। ग्लोबल इन्वेस्टर मीट (Global Investor Meet) पर जयराम ने कहा कि आयोजन के लिए 10 करोड़ केंद्र सरकार ने दिए। दो ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी हुईं। शिमला में 13 हजार करोड़ और मंडी में 28 हजार करोड़ की ग्राउंड ब्रेकिंग हुई। कांग्रेस के समय भी इन्वेस्टर मीट हुई थीं। मुकेश अग्निहोत्री उद्योग मंत्री थे, लाखों खर्च किए पर एक भी एमओयू नहीं हुआ। मंडी एयरपोर्ट के लिए हमने सालाना 1000 करोड़ और कांगड़ा एयरपोर्ट के लिए 400 करोड़ का प्रावधान किया।
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सरकार पर श्रेय लेने का आरोप
जयराम ने कहा कि 258 जनमंच में करीब 45 हजार शिकायतें आईं, 43 हजार का निपटारा हुआ। आम लोगों की मांग पर 1000 से अधिक संस्थान खोले, अधिकारियों-कर्मचारियों का बंदोबस्त कर 50 फीसदी चालू भी किए। कांग्रेस ने आनन-फानन में संस्थान बंद कर दिए और अब सीएम उन्हीं संस्थानों की घोषणा कर रहे हैं, जिन्हें बंद किया था। आजादी का अमृत महोत्सव पूरे देश का कार्यक्रम था। देश के कार्यक्रम से कोई प्रदेश कैसे इंकार कर सकता है।