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मंडी। सीएम जयराम ठाकुर के गृह विधानसभा क्षेत्र के जंजैहली में उपजे एसडीएम ऑफिस और छतरी उपतहसील विवाद के बीच मंडी जिला बीजेपी जयराम सरकार के बचाव में उतरी आई है। मंडी में आयोजित पत्रकार वार्ता में मंडी जिला बीजेपी के प्रभारी प्रियव्रत शर्मा ने जंजैहली में हो रहे विरोध-प्रदर्शन को कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी के मुट्ठी भर नेताओं का षड्यंत्र करार दिया है। प्रियव्रत शर्मा ने कहा कि जयराम ठाकुर के सीएम बनने से सराज के कांग्रेसी नेताओं के भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लग गए हैं, जिससे हताश होकर यह नेता ओछी राजनीति पर उतर आए हैं। उन्होंने सराज की जनता से ऐसे नेताओं के बहकावे में न आकर कोर्ट के निर्णय का सम्मान करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही इस मामले पर कोई निर्णय लेगी और सभी को सरकार के निर्णय के साथ चलना चाहिए।
प्रियव्रत शर्मा ने कहा कि पूर्व सरकार की गलतियों के कारण आज जंजैहली में यह स्थिति उत्पन्न हुई है। उन्होंने कहा कि पूर्व में मिल्क फैड के अध्यक्ष रहे चेत राम ठाकुर ने कोर्ट में गलत हल्फनामा देकर कोर्ट को गुमराह किया और अब जब स्थिति स्पष्ट हुई तो कोर्ट ने सही फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले पर पूरी तरह से गंभीर है और लोगों को सही समय का इंतजार करना चाहिए। बता दें कि सीएम के गृहक्षेत्र सराज के जंजैहली में एसडीएम कार्यालय और छतरी में उपतहसील कार्यालय की अधिसूचनाओं को हाईकोर्ट ने रद कर दिया है, जिसके बाद वहां पर बवाल मचा हुआ है। पिछले कल प्रदर्शन के दौरान पत्थरबाजी तक हो गई, जिस कारण अब बीजेपी भी सरकार के पक्ष में उतर आई है।
वहीं, सीएम जयराम ठाकुर के गृह क्षेत्र जंजैहली में एसडीएम और छतरी में सब तहसील कार्यालय की अधिसूचना रद्द होने के बाद उत्पन्न विवाद पर हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने चिंता जताई है। कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन नरेश चौहान ने ताज़ा हालात के लिए सीधा सीएम जयराम ठाकुर को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि जनभावनाओं का सम्मान करते हुए पूर्व कांग्रेस सरकार ने लोगों की मांग पर न केवल दोनों कार्यालय खोले, बल्कि इन्हें स्टाफ सहित शुरू भी किया। बीजेपी के सत्ता में आने के बाद हाइकोर्ट ने दोनों कार्यालयों की अधिसूचना रद की। जयराम सरकार ने भी बिना कोई उचित कदम उठाए दोनों कार्यालय बंद कर दिए। सीएम को इस मामले से कोर्ट के आदेश बताकर पल्ला झाड़ने के बजाए आदेशों की समीक्षा के लिए हाइकोर्ट जाना चाहिए था।
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