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नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने छात्रों के विरोध प्रदर्शन के आगे आखिरकार प्रशासन को झुकना ही पड़ गया। प्रशासन द्वारा हॉस्टल की बढ़ी फीस से आंशिक तौर पर राहत दी है। मनवा संसाधन विकास मंत्रालय (HRD Ministry) ने इस मसले पर ट्वीट कर जानकारी दी कि जेएनयू कार्यकारी समिति ने हॉस्टल शुल्क (Hostel Fee) और अन्य शर्तों में प्रमुख रोल-बैक (Roll Back) की घोषणा की। साथ ही ईडब्ल्यूएस छात्रों को आर्थिक सहायता के लिए एक योजना प्रस्तावित करता है।
जेएनयू ने हॉस्टल फीस से 100 रुपए कम किए हैं। हालांकि छात्रों को यह मंजूर नहीं है। उन्होंने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखने की बात कही है। जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष एन साई बालाजी ने हॉस्टल फीस में आंशिक तौर पर राहत मिलने पर कहा कि यह झूठ है, यह एक जाल है। बढ़ी फीस पर कोई रोल बैक नहीं है। सेवा शुल्क जो एक बड़े हिस्से का गठन करते हैं, अभी भी बने हुए हैं। कमरे के किराए के रूप में 100 रुपए कम कर दिए गए हैं। केवल ईडब्ल्यूएस छात्रों पर अधिक उन एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक छात्रों का क्या? दूसरों के बारे में क्या?
#JNU Executive Committee announces major roll-back in the hostel fee and other stipulations. Also proposes a scheme for economic assistance to the EWS students. Time to get back to classes. @HRDMinistry
— R. Subrahmanyam (@subrahyd) November 13, 2019
बता दें कि जेएनयू प्रशासन ने हॉस्टल में इस्टैबलिशमेंट चार्जेज, क्रॉकरी और न्यूजपेपर आदि की कोई फीस नहीं बढ़ाई थी। लेकिन रूम रेंट में भारी बढ़ोत्तरी की थी। पहले जहां सिंगल सीटर हॉस्टल का रूम रेंट 20 रुपए था वो प्रशासन ने बढ़ाकर 600 रुपए कर दिया था। वहीं डबल सीटर का रेंट दस रुपये से बढ़ाकर 300 रुपए किया गया था। ये पहले की अपेक्षा काफी ज्यादा था। इसके अलावा प्रशासन ने एक नई मद जोड़ी थी।
वहीं हॉस्टल में पहले छात्रों को कभी सर्विस चार्ज या यूटिलिटी चार्जेज जैसे कि पानी और बिजली के पैसे नहीं देने होते थे। जेएनयू प्रशासन की ओर से इसमें भी बढोत्तरी की गई थी। यूटिलिटी चार्जेज के तौर पर (एज पर एक्चुअल) यानी इस्तेमाल के अनुसार बिल का प्रावधान कर दिया गया था। जिसके अनुसार स्टूडेंट्स को इस्तेमाल के हिसाब से इसका खर्च देना पड़ता, वहीं सर्विस चार्जेज के तौर आईएचए कमेटी ने 1700 रुपए महीने फीस जोड़ दी थी, ये एकदम नई मद थी। प्रति महीने इतनी रकम हर छात्र को देनी पड़ती। इसके अलावा प्रशासन ने वन टाइम मेस सिक्योरिटी जो कि पहले 5500 रुपए थी, इसे भी 200 पर्सेंट से ज्यादा बढ़ाकर 12000 रुपए किया गया था।
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