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जयपुर। कांग्रेस शासित राजस्थान (Rajasthan) के कोटा जिले में स्थित अस्पताल में अबतक कुल 107 बच्चों की जान (Death) जा चुकी है। वहीं सूबे के सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) यह मसला राष्ट्रिय स्तर पर उठाने पर गैरजिम्मेदाराना बयान देते हुए यह कह रहे हैं कि देश भर में सीएए (CAA) के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों से ध्यान भटकाने के लिए इस मुद्दे को मीडिया द्वारा जानबूझ कर तूल दी जा रही है। हालांकि कि इस सब के बीच एक नया मसला यह सामने आया है कि सीएम अशोक गहलोत के गृह नगर जोधपुर (Jodhpur) का हाल तो कोटा से भी बुरा हो रखा है।
रिपोर्ट्स के अनुसार जोधपुर में बीते दिसंबर माह में कुल 146 बच्चे दम तोड़ चुके हैं। मेडिकल कॉलेज जोधपुर के प्रिंसिपल डॉ. एसएस राठौड़ द्वारा इस बात की जानकारी देते हुए बताया गया कि जोधपुर के डॉक्टर एसएन मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग में हर दिन औसतन करीब 5 बच्चों की मौतें रिकॉर्ड की जा रही है। उन्होंने आगे बताया कि दिसंबर 2019 के आंकड़ों के मुताबिक यहां 146 बच्चों ने दम तोड़ा है। जिसमें से 98 नवजात हैं। डॉ. एसएस राठौड़ की मानें तो साल 2019 में NICU PICU में कुल 754 बच्चों की मौत हुई, यानी हर माह 62 की मौत हुई लेकिन दिसंबर में अचानक यह आंकड़ा 146 तक जा पहुंचा। सभी मौतें एसएन मेडिकल कॉलेज से जुड़े बच्चों के अस्पताल उम्मेद अस्पताल में हुई हैं। अब ऐसे में राजस्थान को बच्चों के लिए जीता जागता कब्रगाह कहा जाना अनुचित नहीं होगा।
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