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सोलन। नाबार्ड के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने रोजगार के नाम पर लिया लोन आगे ब्याज पर दे दिया। सबूत के तौर पर इन महिलाओं ने बैंक में शपथ पत्र दिया, जिसमें उन्होंने इस बात का खुलासा किया है। इस बात की जानकारी पत्रकारों से बातचीत करते हुए सोलन जोगिंद्रा को-ऑपरेटिव बैंक की मैनेजर निशा ठाकुर ने दी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि महिलाओं ने नाबार्ड के तहत लिए कर्ज में धांधली की है। बता दें कि सोलन में एक निजी बैंक द्वारा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को ऋण दिया गया थाए जिसकी वसूली ना होने पर जब बैंक ने दबाव बनाया तो महिलाओं ने लोन लेने से इंकार करते हुए बैंक मैनेजर पर झूठे नोटिस भेजने के आरोप लगा दिए। इसके बाद बैंक की मैनेजर पत्रकारों के सामने आईं और सारी स्थिति स्पष्ट की। सोलन के जोगिन्द्रा को-आपरेटिव बैंक की मैनेजर निशा ठाकुर ने पत्रकारों के समक्ष दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए सबूत पेश किए और कहा कि महिलाओं ने बैंक से ऋण लिया था।
लेकिन, अब ऋण के पैसे वापस ना करने के बहाने बनाते हुए आरोप लगा रही हैं कि उन्होंने कभी बैंक से लोन लिया ही नहीं है। उन्होंने कहा कि नाबार्ड की योजना के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने वर्ष 2013 व 2015 के बीच रोजगार करने के लिए लोन लिया था, जिसके सभी दस्तावेज बैंक के पास मौजूद हैं।
बैंक मैनेजर निशा ठाकुर ने कहा कि नाबार्ड के तहत महिला सशक्तिकरण के लिए स्वयं सहायता समूह महिलाओं द्वारा बनाए जाते हैं और बिना किसी गारंटी के डेढ़ लाख तक बैंक 3 वर्ष के लिए इन्हें ऋण उपलब्ध करवाते हैं। लेकिन, कुछ समूह की महिलाएं बैंक के पैसे वापस करने से बचने के लिए बहाने बना रही हैं कि उन्हें बैंक से झूठे नोटिस मिल रहे हैं, जबकि उन्होंने लोन लिया ही नहीं है।
निशा ठाकुर ने कहा कि वह अब कानूनी प्रक्रिया उनके खिलाफ अमल में लाने की तैयारी कर रही हैं। वह इनके खिलाफ मानहानि का दावा भी कर सकती हैं। सोशल मीडिया पर भी ऐसी खबरें कुछ दिनों से खूब चल रही हैं, जिसमें महिलाओं ने बैंक मैनेजर पर धोखाधड़ी करने और झूठे लोन नोटिस मिलने की बात कही है। अब देखना होगा कि इन महिलाओं को ऐसा करने के पीछे क्या वजह रही।
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