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Joginder Nagar Hospital : जोगिंद्रनगर। जोगिंद्रनगर का सिविल अस्पताल इन दिनों अघोषित ‘तालाबंदी‘ के दौर से गुजर रहा है और यहां पर प्रभारी के अलावा कोई भी चिकित्सक नहीं है। हां, एमरजेंसी में रात के समय अवश्य कोई न कोई चिकित्सक मिल सकता है। 19 चिकित्सकों के पदों वाले इस अस्पताल में इन दिनों ‘अघोषित तालाबंदी‘ चली हुई है क्योंकि बुधवार को डॉक्टर न होने से रोगियों को बिना किसी उपचार के खाली हाथ लौटना पड़ा।
इतना ही नहीं इंतजार करने के बाद कई मरीजों ने तो ओपीडी की पर्चियां भी गुस्से में वहीं फाड़ कर फैंक दीं। जाहिर है कि लंबे अरसे से इस अस्पताल में चिकित्सकों की कमी का रोना रोया जा रहा है मगर कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही। प्रदेश में बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाओं का दावा करने वाली सरकार का कोई भी प्रतिनिधि अस्पताल की सुध नहीं ले रहा। ऐसी स्थिति में किसी हादसे की स्थिति में होने वाली परेशानी का तो सोचकर ही मन दहल जाता है।
मांग करने बाद भी नहीं हुई डाक्टरों की तैनाती
जोगिंद्रनगर के विधायक गुलाब सिंह ठाकुर ने अस्पताल की ऐसी हालत पर गहरी चिंता जताई और आरोप लगाया कि बड़े-बड़े दावे करने वाली सरकार रोगियों से भी धोखा कर रहा है। कई बार चिकित्सकों की नियुक्ति की मांग की गई है पर नतीजा कुछ नहीं निकला। उन्होंने कहा कि भाजपा के शासनकाल में यहां की विषेशज्ञ तैनात किए गए थे मगर मौजूदा सरकार ने अस्पताल को बिना डाक्टरों वाला अस्पताल बना दिया। गुलाब सिंह ने शीघ्र चिकित्सक तैनात किए जाने की मांग की ताकि कभी भी होने वाली एमरजेंसी में कोई अप्रिय घटना न हो जाए।
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