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MC Election: शिमला। नगर निगम चुनावों को लेकर बीजेपी पूरी तरह से गंभीर दिखाई दे रही है और पार्टी चुनावों में पूरी ताकत के साथ उतरना चाहती है। इसलिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने चुनावों की अहमियत को समझते हुए प्रचार में खुद कदम रखा है। इसी कड़ी में वे आज यानी शुक्रवार को शिमला शहर में कार्यकर्ता सम्मेलन करेंगे। इससे पहले भी उन्होंने बीते कल कई वार्डों में नुक्कड़ सभाएं और बैठकें कीं। विधानसभा चुनावों से पहले हो रहे शिमला नगर निगम चुनाव को बीजेपी सत्ता का सेमीफाइनल मानकर चल रही है।
जाहिर है कि बीजेपी का लक्ष्य नगर निगम है और इसके लिए नेताओं से लेकर कार्यकर्ता तक पसीना बहा रहे हैं। बीजेपी ने वार्डों में अपने पूर्व मंत्रियों तक को उतारा है। इस चुनाव के प्रति बीजेपी की गंभीरता का पता इस बात से भी लगता है कि उसने अपने बागी प्रत्याशियों को मनाने में अपनी ताकत लगाई और बड़े नेता मनाने को उतारे और उसकी सफलता भी उन्हें मिली। भले ही यह चुनाव पार्टी चुनाव चिन्ह पर नहीं हो रही हैए लेकिन बीजेपी ने बाकायदा अपने उम्मीदवार घोषित कर उनके नामांकन पत्र भऱवाए और पूरी मदद की।
उधऱ, कांग्रेस की बात करें तो वह इसके प्रति अभी तक गंभीर नहीं लग रही। कांग्रेस ने पहले प्रत्याशी घोषित न करने का ऐलान किया और कहा कि कार्यकर्ता को खुली छूट है और जो चुनाव लड़ना चाहता है वह चुनाव लड़ सकता है। इस पर कार्यकर्ताओं ने भी चुनाव में अपनी अपनी ताल ठोंक दी। लेकिन फिर कांग्रेस कहने लगी कि वह नामांकन वापसी से पहले देखेगी और प्रत्याशी तय करेगी। इसके बाद कांग्रेस में फिर से गुटबाजी का खेल शुरू हुआ। वहीं ए मजेदार बात यह है कि किसी को बिठाने के लिए पार्टी ने अपने स्तर पर कोई बड़ी पहल नहीं की। निचले स्तर पर स्थानीय नेताओं ने जरूर कुछ अपने समर्थकों को बिठाया हैए लेकिन पार्टी ने ऐसा नहीं किया।
ऐसे अब सवाल उठता है कि जब पार्टी ने पहले सबको चुनाव लड़ने की छूट दी तो अब वह कैसे अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर रही है। कांग्रेस के इस कदम की पार्टी के भीतर भी कड़ी आचोलना हो रही है। इसके साथ ही पार्टी में गुटाजी और बढ़ गई है। विधानसभा चुनाव से पहले गुटबाजी का और बढ़ना कांग्रेस के लिए अच्छी खबर नहीं है और इसका असर आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा। बहरहाल, नगर निगम चुनाव को लेकर बीजेपी पूरी तरह से सक्रिय है और पूरी ताकत के साथ चुनाव में उतर कर इस पर कब्जा करने को आतुर है और वहीं कांग्रेस अभी भी अपने स्कोर सैटल करने पर ही फोक्स कर रही है।
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