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शिमला। जितना विकास पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुआ है, उसकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती। हिमाचल प्रदेश इस विकास से काफी हद तक वंचित है, क्योंकि प्रदेश सरकार केंद्र से दी जा रही आर्थिक सहायता का उपयोग करने में नाकाम रही है। इसके पीछे शायद इनकी भावना यह हो कि विकास का श्रेय बीजेपी को न मिले, जोकि उनकी संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है। यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति बैठक के दूसरे व अंतिम दिन के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल में यह स्पष्ट हो गया है कि यह गरीबों की सरकार है, जोकि वंचित और उपेक्षित वर्ग को मुख्य धारा में लाने के प्रति समर्पित है। नड्डा ने कहा कि केंद्र सरकार की उपलब्धियों का केंद्र बिंदू बीजेपी सरकार का देश व गरीब कल्याण के प्रति समर्पण की भावना है। पीएम नरेंद्र मोदी खुद को पीएम नहीं बल्कि प्रधान सेवक मानते हैं और इसी प्रकार उनका संपूर्ण मंत्रिमंडल समाज सेवा की भावना से अपने कार्यों का निर्वाहन करता है।
बीजेपी सरकार के केंद्र में आने से पहले पूर्व की सरकारों के लिए शासन का मतलब था निजी हितों के लिए भोग तथा उपयोग था, परन्तु अब शासन में सांसकारिक एवं अमूल चूल परिवर्तन आ चुका है। अब सरकार का कार्य 24 घंटे 7 दिन तथा 12 महीने जनता के लिए समर्पित है, जिसे पूर्व की सरकारें अपनी मजबूरी बताती थी, उन्हीं चुनौतियों को पीएम नरेंद्र मोदी ने अवसर में परिवर्तित कर दिया है।मोदी सरकार ने समस्याओं का सीधा सामना करते हुए हर समस्या पर विजय प्राप्त की है। कांग्रेस ने बांग्लादेश को आजादी दिलाई परन्तु सीमा विवाद आज तक खड़े रहे, परन्तु इसका भी समाधान बीजेपी की केंद्र सरकार ने किया है। अपने पड़ोसी देशों जैसे भूटान, श्रीलंका व नेपाल से संबंध जो कांग्रेस के समय में बिगड़ गए थे, उन्हें सुधारने में सफलता प्राप्त की है।
पाकिस्तान और चाईना जैसे देशों को कूटनीति से नियंत्रण में कर लिया है। अमेरीका जैसे विकसित देश में भी आज भारत की साख है और वहां पर रह रहे भारतीयों का मान-सम्मान भी बढ़ा है। अमरीका के राष्ट्रपति भी पीएम नरेन्द्र मोदी की कार्यशैली से इतने प्रभावित हैं कि मोदी जी के अमरीका दौरे के दौरान अमरीकी राष्ट्रपति ने अपनी पत्नी सहित मोदी जी का आदर सत्कार किया। आज अमरीका में रह रही भारतीय यह तय करते हैं कि वहां किसकी सरकार बने।
सरकार बनते ही सबसे पहले कालेधन को वापस लाने के लिए एसआईटी गठित की गई और लगभग एक लाख करोड़ रुपये के कालेधन के बारे में पता लगाया है। भारत जैसे बड़ी जनसंख्या वाले देश में नोटबंदी लागू करना एक बहुत बड़ी चुनौती थी, परन्तु जिस पारंगता से नोटबंदी जैसा साहसिक निर्णय पीएम मोदी जी ने क्रियान्वित किया है यह वास्तव में प्रशंसनीय है।
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