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नूरपुर। विधिक साक्षरता शिविर की अध्यक्षता करने सब जेल नूरपुर पहुंची अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं वरिष्ठ सिविल जल कोर्ट नंबर-एक नूरपुर कनिका चावला जेल में एनडीपीएस एक्ट के तहत कैदियों की भारी तादाद पर चिंतित दिखीं। उन्होंने कहा कि रोजी-रोटी कमाने के और भी कई साधन हैं।
आप लोगों ने लोगों के घरों को उजाड़ने का काम किया है। इसलिए भविष्य में जेल में रहकर कुछ ऐसा सबक सीखे की रोजी-रोटी कमाने के लिए आपको कोई गलत काम ना करना पड़े। उपमंडल विधिक साक्षरता समिति, नूरपुर द्वारा सब जेल नूरपुर में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। उन्होंने हर कैदी की समस्याओं के बारे में पूछा और विस्तार से सुना। उन्होंने कैदियों को सलाह दी कि अगर किसी भी कैदी को अपने मुकदमे के लिए सरकारी वकील की आवश्यकता है तो वह एक सादे कागज पर आवेदन करके उन्हें दें।
इस शिविर के दौरान जेल में रह रहे कैदियों को फल भी वितरित किए गए और उन्होंने कहा कि सभी कैदी जेल में एक परिवार की तरह रहें। उन्होंने सब जेल अधीक्षक कैदियों के रहने के बारे में विस्तार से जानकारी ली। इस अवसर पर सहायक अधीक्षक जेल विनोद शर्मा, दलीप कुमार अधीक्षक, बलबीर सिंह, रोहित व विनय महाजन उपस्थित रहे।
नूरपुर न्यायालय में राष्ट्रीय लोक आदालत का आयोजन किया गया, जिसमें दो बैंच लगाए गए। पहले बैंच की अध्यक्षता नूरपुर की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं वरिष्ठ सिविल जज कनिका चावला ने की। इस दौरान 202 मुकदमों में सुनवाई के उपरांत कार्रवाई की गई। इसमें न्यायिक दंडाधिकारी कनिका चावला द्वारा 73 मुकदमों का मौके पर निपटाया किया गया। इस दौरान 40 हजार 400 रुपये का जुर्माना भी किया गया।
इन मुकदमों में घरेलू हिंसा, दीवानी, फौजदारी, शॉप एक्ट व चेक बाउंस आदि के मुकदमे शामिल थे। शेष मुकदमें विचाराधीन रखे गए। वहीं, दूसरे बैंच की अध्यक्षता निकिता तहिम, कनिष्ठ सिविल जज एवं दंडाधिकारी कोर्ट नंबर 2 ने की। इस दौरान 167 मुकदमों में से 46 मुकदमों की सुनवाई मौके पर की गई और उनका मौके पर निपटारा किया गया। इन मुकदमों में घरेलू हिंसा, गुजारा भत्ता, प्राइवेट शिकायत,चेक बाउंस आपराधिक दीवानी मुकदमें शामिल रहे और शेष मुकदमें विचाराधीन रखे गए।
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