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junior-engineer: चंडीगढ़। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश करनाल की अदालत ने उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम निसिंग, करनाल के तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता सतपाल को दोषी मानते हुए उसे 9,000 रुपये जुर्माने के साथ चार साल कैद की सजा सुनाई है। ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि सतपाल को नए ट्रांसफार्मर की फाइल तैयार करने की एवज में पन्योट, जिला करनाल निवासी सुरजीत सिंह से 10,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 13 के तहत ब्यूरो के रोहतक थाने में मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि ब्यूरो द्वारा 10 से 16 मार्च, 2017 तक दो बार की जांच पूर्ण की गई, जिनमें से एक में आरोप सारपूर्ण पाए जाने पर एक राजपत्रित अधिकारी के विरूद्घ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की गई।
इस अवधि के दौरान ब्यूरो द्वारा मारे गए दो छापों में दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम,बहल जिला भिवानी के एएलएम मंदीप व उपभोक्ता लिपिक सुरेन्द्र को 1,500 रुपये जबकि डीएचबीवीएन, उपमंडल सेक्टर-18, गुरुग्राम के सीए राजपाल को 18,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। उनके विरूद्घ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7,8 व 13 के तहत ब्यूरो के थानों में मामले दर्ज किए गए हैं।
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