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लेखराज धरटा/शिमला। ऊपरी शिमला की लाइफ लाइन कहे जाने वाली ठियोग-हाटकोटी सड़क निर्माण पूरा होने में सिर्फ तीन प्वाइंट्स मुसीबत बन चुके हैं। निहारी, पट्टी ढांक और खड़ा पत्थर में चट्टान कटिंग में देरी से ही निर्माण कार्य में विलम्ब होते जा रहा है। पूर्व की सड़क निर्माण कंपनी सीएंडसी को टर्मिनेट करने के बाद अब पीडब्ल्यूडी और नेशनल हाई-वे अथॉरिटी ऑफ इंडिया सड़क निर्माण को पूरा करने में लगे हैं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक ठियोग से खड़ा पत्थर तक एनएचएआई, खड़ा पत्थर से हाटकारेटी तक पीडब्ल्यूडी जुब्बल मंडल और हाटकोटी से रोहड़ू तक पीडब्ल्यूडी रोहड़ू मंडल के तहत कार्य हो रहे हैं। हालांकि अभी 10 फीसदी कार्य पूरा होना शेष है। इसके साथ ही 8 नए पुल भी तैयार होने हैं। हालांकि इन पुलों के विलम्ब से बनने से कोई दिक्कतें नहीं आएगी।
उल्लेखनीय है कि ठियोग-हाटकोटी-खड़ापत्थर सड़क का यह प्रोजेक्ट विश्व बैंक फंडिड है। 2008 में चाइना की कंपनी को इसका काम सौंपा गया था। यह करीब 80 किलोमीटर की सड़क है। जो दो चरणों में बन कर तैयार होनी है। जब सड़क निर्माण का जिम्मा चाइनिज कंपनी को सौंपा था तो कंपनी ने मात्र 20 फीसदी काम ही किया। इसके बाद पूर्व सरकार ने 2014 में सीएंडसी कंपनी को निर्माण का कार्य सौंपा था। पूर्व कांग्रेस सरकार ने कंपनी को काम पूरा करने के लिए 31 दिसंबर 2017 तक की एक्सटेंशन दी थी। ठियोग-हाटकोटी सड़क निर्माण में जो स्थिति वर्तमान में बनी हुई है नए सिरे से काम शुरू हो चुका है। इसके लिए भी प्रदेश की जयराम सरकार ने 60 करोड़ का बजट जारी कर दिया।
जुब्बल-कोटखाई के विधायक एवं चीफ व्हिप नरेंद्र बरागटा इस सड़क निर्माण के लिए हर काम पर निगाहें दौड़ाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि कार्य युद्ध स्तर पर चला हुआ है। जल्द ही काम पूरा कर इस सडक़ को जनता के हवाले कर देंगे। नरेंद्र बरागटा ने कहा कि अन साइंटीफिक तरीके से ब्लास्टिंग के कारण तीन प्वाइंट्स का काम बाधित हुआ। उन्होंने ठियोग-हाटकोटी मार्ग पर जगह-जगह पर हुए भू-स्खलन के कारण सड़क पर आए मलबे को शीघ्र हटाने के अधिकारियों को निर्देश दिए। नरेंद्र बरागटा ने कहा कि पट्टी ढांक के पास सड़क पर भारी भू-स्खलन हुआ है और बर्फबारी की आशंका को ध्यान में रखते हुए इस क्षेत्र से मलबा साफ करना जरूरी है।
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