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जस्टिस संजीव खन्ना बने 51 वें चीफ जस्टिस, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ
Justice Sanjeev Khanna Became 51st Chief Justice : जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjeev Khanna) देश के 51 वें मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) बन गए हैं। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने राष्ट्रपति भवन में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। जस्टिस संजीव खन्ना जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की जगह ले रहे हैं। जस्टिस खन्ना का कार्यकाल 13 मई 2025 तक रहेगा। वो सिर्फ 6 महीने तक ही इस पद पर रहेंगे वे 13 मई 2025 को सेवानिवृत्त होंगे।
Heartiest congratulations to Justice Sanjeev Khanna Ji on being sworn in as the Chief Justice of the Supreme Court. His wisdom, integrity, and commitment to justice ensure that our nation's law, order, and sovereignty remain in safe hands. I am confident that under his… pic.twitter.com/DGFlluNdvj
— Vinod Tawde (@TawdeVinod) November 11, 2024
जस्टिस संजीव खन्ना ने 1983 में कराधान, संवैधानिक कानून, मध्यस्थता, वाणिज्यिक और पर्यावरण मामलों के क्षेत्रों में अपनी वकालत शुरू की थी। इसके बाद वर्ष 2004 में उन्हें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए स्थायी वकील-सिविल (Permanent Advocate-Civil) के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्हें 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था और एक साल बाद उन्हें स्थायी न्यायाधीश बनाया गया था। इसके बाद उन्हें 18 जनवरी 2019 को सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया था।
जस्टिस खन्ना ने कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए
जस्टिस खन्ना सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश हंस राज खन्ना (Former Supreme Court judge Hans Raj Khanna) के भतीजे हैं, जो ऐतिहासिक एडीएम जबलपुर मामले में अपनी असहमति के लिए जाने जाते हैं। जस्टिस संजीव खन्ना ने खुद कई महत्वपूर्ण निर्णय दिए हैं. खासकर पिछले कुछ महीनों में। वे संविधान पीठ का हिस्सा थे जिसने पिछले साल भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को बरकरार रखा था। जस्टिस खन्ना उस संविधान पीठ का भी हिस्सा थे जिसने चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था, जिसमें राजनीतिक दलों को गुमनाम दान की अनुमति थी। इस साल अप्रैल में जस्टिस खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने चुनाव के दौरान सभी वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल – (VVPAT) पर्चियों का इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के ज़रिए डाले गए वोटों से मिलान करने के निर्देश देने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था।
-पंकज शर्मा