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karan singh: दिल्ली। हिमाचल के आयुर्वेद मंत्री कर्ण सिंह (60) का देहांत हो गया। कर्ण सिंह पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे, उन्हें उपचार के लिए ऑल इंडिया मेडिकल इंस्टीच्यूट दिल्ली में भर्ती करवाया गया था। रात दो बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर डेढ़ बजे किया जाएगा। इससे पहले उनके शव को दिल्ली से एयर एंबुलेंस द्वारा कुल्लू लाया जा रहा है।
दिल्ली में उनके साथ उनकी पत्नी डाॅ शिवानी सिंह व बेटा आदित्य विक्रम सिंह मौजूद हैं। वर्ष 2015 सितंबर में उन्हें वीरभद्र सरकार में आयुर्वेद मंत्री बनाया गया था। वह जिला कुल्लू के बंजार विधानसभा क्षेत्र से तीन मर्तबा विधायक रहे हैं। इससे पहले वह 1998 में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। उनके बड़े भाई महेश्वर सिंह भी वर्तमान में कुल्लू से विधायक हैं। कर्ण सिंह के देहांत पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत, सीएम वीरभद्र सिंह व कुल्लू के विधायक महेश्वर सिंह ने शोक व्यक्त किया है। नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने भी कर्ण सिंह ने निधन पर शोक जताया है।
कुल्लू। जिला कुल्लू के बंजार विस से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर कर्ण सिंह ने पार्टी का जहां लंबे समय से चला आ रहा सूखा समाप्त कर दिया था वहीं, मंत्री पद हासिल करके बंजार में अथाह विकास किया। जहां भी जाएं और जिस भी गली-मोहल्ले में जनता की नब्ज टटोली जाए तो सभी का कहना यही है कि कर्ण सिंह एक नेक इंसान के अलावा स्पष्टवादी व काम करने वाले नेता थे।
गौर रहे कि कुल्लू के राजा महेंद्र सिंह के बड़े पुत्र महेश्वर सिंह की बदौलत वे बंजार की राजनीति में 1990 में आए और कर्ण सिंह 1990 से लेकर 1993 तक बंजार से भाजपा के विधायक रहे, लेकिन 1993 में उन्हें पूर्व बागवानी मंत्री सत्य प्रकाश ठाकुर से उन्हें मात खानी पड़ी। 1998 में कर्ण सिंह ने सत्य प्रकाश ठाकुर को एक बार फिर हराकर बंजार की जनता की सेवा की और प्राथमिक शिक्षा राज्य मंत्री व पर्यटन मंत्री के रूप में प्रदेश में शिक्षा का प्रसार व पर्यटन का विस्तार किया।
वर्ष 2003 में उन्हें भाजपा की गुटबाजी का शिकार होना पड़ा और बंजार से उनका टिकट काटकर कुल्लू से चुनाव लड़ा दिया गया जहां उन्हें कांग्रेस के प्रत्याशी स्वर्गीय पूर्व मंत्री राजकृष्ण गौड से हार का सामना करना पड़ा। भाजपा की गुटबाजी के चलते कर्ण सिंह ने भाजपा को अलविदा कहकर 2007 में बसपा के टिकट पर बंजार से चुनाव लड़ा और तीसरे नंबर पर रहे। वर्ष 2009 में लोकसभा के चुनावों में कर्ण सिंह ने मंडी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे वीरभद्र सिंह के कवरिंग कैंडिडेट के रूप में काम किया। हाल ही में संपन्न चुनावों में कर्ण सिंह ने प्रदेश भाजपा सरकार के वन मंत्री खीमी राम शर्मा को नौ हजार दो सौ 92 मतों से पराजित कर रिकॉर्ड कायम किया और बंजार की जनता को कर्ण सिंह के रूप में अढ़ाई वर्षों के बाद मंत्री पद मिला।
कर्ण सिंह का जन्म कुल्लू के सुल्तानपुर स्थित रूपी पैलेस में 14 अक्तूबर, 1957 को राजा महेंद्र सिंह के घर में हुआ। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा कुल्लू में पूरी की और पुणे में राजनीति शास्त्र बीए ऑनर्स की शिक्षा प्राप्त की। बीए ऑनर्स की शिक्षा ग्रहण करने के बाद कर्ण सिंह ने प्रबंधन क्षेत्र में कई प्रकार की परीक्षाएं पास की और मुंबई, चंडीगढ़, ग्वालियर में प्रबंधन क्षेत्र में नौकरी की जहां उन्हें बेस्ट मेनेंजमेंट तथा शिक्षा के क्षेत्र में बेस्ट रिर्सचर का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। कर्ण सिंह ने राजनीति में आने से पहले रानी शिवानी सिंह से शादी की जो एक कुशल गृहिणी व मार्गदर्शक के रूप में उनके साथ रह रही है।
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