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विपक्ष में रहकर बड़े-बड़े वादे करने वाली कांग्रेस सत्ता मिलते ही सब भूली: करूणामूलक संघ
मंडी। हिमाचल में जब कांग्रेस (Congress) विपक्ष में थी, तब उन्होंने हिमाचल प्रदेश में करूणामूलकों को सत्ता में आते ही उनकी समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया, लेकिन आज दिन तक सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। जिससे करूणामूलक संघ (Karunamulak Sangh) में भारी रोष है। सोमवार को मंडी (Mandi) शहर के भियुली स्थित एनजीओ भवन में करुणामूलक आश्रितों ने यह आरोप लगाए। करूणामूलक संघ के जिला प्रधान बस्सी राज ने सरकार से मांग उठाई कि करुणामूलक आश्रितों के लिए 5 लाख आय सीमा निर्धारित की जाए, तथा एक व्यक्ति सालाना आय की शर्त को हटाया जाए।
करूणामूलक संघ ने सरकार से परिवारों को नौकरी देने की उठाई मांग
इसके साथ ही रिजेक्ट केसों को दोबारा कंसीडर किया जाए और उनकी नोटिफिकेशन सरकार द्वारा जल्द जारी की जाए। वहीं सरकार के द्वारा पांच परसेंट कोटे वाली शर्त को भी हटाने की संघ ने प्रदेश की सरकार (Himachal Govt) से मांग की है। बस्सी राम ने आश्रितों को अन्य विभागों में स्थानांतरित करके नौकरियों का प्रावधान करने का आग्रह भी किया। उन्होंने बताया कि 14 फरवरी को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) से भी मुलाकात हुई थी, जिसमें करुणामूलक आश्रितों (Compassionate Dependents) को अपना एजेंडा रखने के लिए सीएम ने कहा था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई सरकार की तरफ से नहीं की गई है।
मांगें पूरी न होने की सूरत में संघ ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
वहीं मंडी जिला निवासी मनीष कुमार ने बताया कि उनके पिता की 2005 में ऑन ड्यूटी मृत्यु हुई थी और प्राथमिक शिक्षा विभाग को केस भेजा गया था। विभाग ने केस को पेंडिंग रखा हुआ है। वर्तमान सरकार जो पहले विपक्ष में थी। उन्होंने ये आश्वासन दिया था की सत्ता में आने के उपरांत करुणामूलक आश्रितों की सभी समस्याओं का हल किया जाएगा और स्थायी पॉलिसी (Permanent Policy) का निर्माण करके सभी को नौकरी प्रदान की जाए। उन्होंने प्रदेश सरकार को चेताया है कि यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए तो फिर आने वाले समय में करुणामूलक उग्र आंदोलन को मजबूर होंगे।