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Lockdown में घर से दूर कश्मीरी मजदूरों को सता रही परिवार की चिंता, नहीं हो पा रही बात
Last Updated on April 7, 2020 by Sintu Kumar
हमीरपुर। कोरोना के चलते लॉकडाउन और कर्फ्यू में काफी लोग घरों से बाहर फंसे हुए हैं l कई दशकों से हमीरपुर समेत हिमाचल में कश्मीरी मजदूर (Kashmiri workers) दिहाड़ी-मजदूरी के लिए आते हैं l ये लोग भी अभी हिमाचल (Himachal) में ही फंसे हुए हैं और घरों को नहीं जा पा रहे l हालांकि सरकार इनका पूरा ध्यान रख रही है और खाने-पीने की वस्तुएं भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं, लेकिन अभी भी एक चिंता इन लोगों को सता रही है l
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कर्फ्यू के दौरान अपने परिवारों से पूरी तरह कनेक्शन टूट जाने के चलते कश्मीरी मजदूर अपने परिवार वालों का कुशलक्षेम नहीं जान पा रहे हैं। इन्होंने बताया कि कश्मीर से करीब 250 किमी दूर स्थित गांव गुजरान में मोबाइल टावर नहीं होने से घरों में बातचीत नहीं हो पाती है। कोरोना के चलते कर्फ्यू और लॉकडाउन में एसटीडी तक पहुंचना भी मुनासिब नहीं है ऐसे में कश्मीरी मजदूरों की चिंताएं परिवार के प्रति बढ़ती जा रही है।
इनमे से एक मजदूर दिलाबर खान ने बताया कि कोरोना बीमारी के चलते कर्फ्यू लगा हुआ है जिस कारण अपने घरों से संपर्क पूरी तरह टूटा हआ है। उन्होंने बताया कि क्वाटर में सरकार द्वारा खाने-पीने का सामान दिया जा रहा है लेकिन घर में बात नहीं होने से चिंता सता रही है। कश्मीर से 250 किमी दूर गांव गुजरान में मोबाइल टावर नहीं है जिस कारण फोन पर बात नहीं हो सकी है। मजदूर कासिम मीर ने बताया कि कर्फ्यू के दौरान कोई चिंता नहीं है और सिर्फ घर में बात नहीं हो पाने की चिंता है। उन्होंने पीएम मोदी से मांग की है कि गुरेज सेक्टर में भी मोबाइल टावर लगाए जाए।