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स्व. वीरभद्र सिंह की बात हुई सच, आया राम-गया राम है पंडित सुखराम का परिवार: कौल सिंह
शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजनीति में सियासी दिग्गज कहे जाने वाले पंडित सुखराम (Pandit Sukhram) के पोते आश्रय शर्मा (Ashray Sharma) के कांग्रेस पार्टी से इस्तीफे के बाद कौल सिंह ठाकुर ने आश्रय शर्मा पर हमला साधा है। एक ही पार्टी में रहकर भी आश्रय शर्मा के धुर विरोधी रहे कौल सिंह ने पंडित सुखराम के परिवार को आया राम गया राम बताया है। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय वीरभद्र सिंह (Late Virbhadra Singh) पंडित सुखराम के परिवार को आया राम गया राम की संज्ञा दिया करते थे और आज यह संज्ञा सच हो गई है। कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि आश्रय शर्मा के पार्टी छोड़कर जाने से कांग्रेस को कोई असर नहीं पड़ेगा। साथ ही उन्होंने आश्रय को चुनौती दी कि यदि आश्रय शर्मा चाहें तो, द्रंग विधानसभा क्षेत्र से कौल सिंह ठाकुर के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं।
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तत्कालीन वीरभद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे कौल सिंह ठाकुर (Kaul Singh Thakur) ने कहा कि आश्रय शर्मा के पिता अनिल शर्मा (Anil Sharma) पहले नवरात्रि में कांग्रेस पार्टी में शामिल होना चाहते थे और उन्हें कांग्रेस से टिकट देने को लेकर भी चर्चा चल रही थी, लेकिन फिर अचानक पीएम नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित मंडी दौरे से पहले उन्होंने बीजेपी (BJP) में रहने का ही फैसला किया। कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि वे नहीं जानते कि आखिर किस दबाव में अनिल शर्मा ने यह फैसला लिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर ने आश्रय शर्मा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आश्रय के पार्टी के बाहर जाने के बाद रत्ती भर का भी फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में आश्रय शर्मा सबसे ज्यादा मतों के अंतर से हारने वाले प्रत्याशी थे। कौल सिंह ठाकुर ने आश्रय शर्मा को अनुभवहीन करार दिया।
कांग्रेस छोड़ने वाले नेता बीजेपी के ही थे, कांग्रेस में डेपुटेशन पर आए थे
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर ने लगातार पार्टी कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी में नेताओं के जाने को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि अब तक जो भी नेता कांग्रेस छोड़ बीजेपी में जा रहे हैं, उनमें ज्यादातर मूल रूप से बीजेपी के ही रहे हैं और केवल डेपुटेशन पर ही कांग्रेस में आए थे। उन्होंने कहा कि लखविंदर सिंह राणा और पवन काजल का बैकग्राउंड बीजेपी से ही जुड़ा रहा है। वहींए हर्ष महाजन के बीजेपी में जाने को लेकर उन्होंने इसे उन पर दबाव करार दिया। कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि हिमाचल कांग्रेस के पास नेतृत्व की कोई कमी नहीं है। हर जिला में हिमाचल कांग्रेस के पास एक बड़ा नेता है और इसका फायदा हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिलेगा।
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