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नई दिल्ली। तेलंगाना में सत्ता की वापसी होते ही सीएम के चंद्रशेखर राव ने एक बार फिर फेडरल फ्रंट के गठन के संकेत दिए हैं। इसी क्रम केसीआर पीएम मोदी से दिल्ली में मुलाकात करेंगे। फेडरल फ्रंट की भूमिका पर केसीआर ममता बनर्जी, मायावती, अखिलेश यादव और नवीन पटनायक के साथ भी मुलाकात करने वाले हैं। दिल्ली यात्रा के दौरान केसीआर क्षेत्रीय पार्टियों के नेताओं के साथ भी मुलाकात करेंगे। इन बैठकों के बीच में पीएम मोदी के साथ भी केसीआर की बैठक प्रस्तावित है। विधानसभा चुनाव में तेलंगाना राष्ट्र समिति की जबर्दस्त जीत के बाद राव ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से 23 दिसंबर को भुवनेश्वर में मुलाकात करेंगे। वहीं तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से 24 दिसंबर को मिलेंगे।
टीआरएस प्रमुख 25 दिसंबर को पीएम मोदी से भी मुलाकात करेंगे। इस मीटिंग के बाद कांग्रेस ये सवाल जरूर खड़ा करेगी कि टीआरएस कहीं न कहीं बीजेपी के लिए टीम बी की तरह काम करती है।
चुनाव के दौरान भी कांग्रेस केसीआर को संघ और बीजेपी का एजेंट बताती रही है। जाहिर तौर पर इस मुलाकात के बाद केसीआर की कांग्रेस समेत अन्य दल आलोचना जरूर करेंगे।
वरिष्ठ टीआरएस नेता केशव राव ने एक टीवी चैनल से कहा, ‘पीएम मोदी से मिलना सिर्फ शिष्टाचार भेंट है।इसका फेडरल फ्रंट से कोई लेना-देना नहीं है। इस शिष्टाचार को विपक्ष किस तरह से लेता है यह देखने वाली बात होगी। पार्टी तो यही कह रही है कि अन्य पार्टियों के नेताओं के साथ फेडरल फ्रंट की वजह से हो रही है।विधानसभा चुनावों में तेलंगाना में बहुमत मिलने के बाद केसीआर ने कहा था कि उनका ध्यान राष्ट्रीय स्तर पर एक फेडरल फ्रंट बनाने पर होगा। ऐसा माना जा रहा है कि केसीआर ने अपने बेटे केटी रामाराव को राष्ट्रीय राजनीति में अधिक समय देने के लिए पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया है।
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