-
Advertisement
इस तरह मनाएंगे आप दिवाली तो आपके बच्चों को नहीं आएगी कोई परेशानी
दिवाली (Diwali) आने वाली है। इस पर्व के लिए उत्साह (Excitement) शुरू हो गया है। पूरे ही भारत में दिवाली का त्यौहार बड़ी धूमधाम (Fanfare) से मनाया जाता है। दिवाली के लिए बाजार सज गए (The Market is Set) हैं। लोग खरीदारी करने में जुटे हुए हैं। टीवी, कार, फ्रिज और बाइक तक लोग खरीद रहे हैं। वहीं इस त्यौहार के लिए बच्चों में काफी उत्साह रहता है। क्योंकि बच्चे मोमबत्तियों और पटाखों के काफी शौकीन होते हैं और इनके आसपास ही रहते हैं। ऐसे में माता-पिता (Parents) परेशान हो जाते हैं कि कोई अनहोनी ना हो जाए। क्योंकि दिवाली में बच्चों को चोट लगने और जलने का डर रहता है। तो ऐसे में क्या किया जाए कि बच्चे भी दिवाली का आनंद ले सकें और उनका कोई नुकसान भी ना हो। तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि कैसे दिवाली मनाएं ताकि बच्चे सुरक्षित रहें।
यह भी पढ़ें:दिवाली पर इस बार गणेश भगवान व मां लक्ष्मी की पूजा में जरूर शामिल करें ये चीजें
सबसे पहले इस दिन के लिए बच्चों के लिए सही कपड़ों का चुनाव (Choosing the Right Clothes) करें। दिवाली के दिन हर जगह दीपक, मोमबती और पटाखे होते हैं। ऐसे में आप बच्चों को ढीले और फ्लेयर वाले कपड़े ना पहनाएं। वहीं लटकते हुए कपड़े भी ना पहनाएं। क्योंकि ऐसे कपड़े पहनाने से उनमें आग लग सकती है। इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखें। वहीं बच्चों को अकेला भी ना छोड़ें। छोटे-छोटे बच्चे बहुत चंचल और जिज्ञासु होते हैं। वे एक जगह टिक कर नहीं बैठते हैं। वे हर चीज के पीछे भागते हैं। अतः ये बड़ी फुर्ती से आंखों के सामने से गायब हो जाते हैं। इसलिए इनका पूरा ध्यान रखें और उन्हें कभी अकेला ना छोड़ें। इस दिन उनकी छोटी से छोटी गतिविधि पर भी ध्यान रखें। उन्हें दीए, मोमबत्ती, माचिस और पटाखों से दूर रखें ताकि कोई अनहोनी ना हो। उन्हें ज्वलनशील चीजों से दूर रखें।
यदि बच्चा मोमबत्ती ( Candle) जलाने की जिद करता है तो उन्हें माचिस की जगह जली हुई मोमबती को ही दीए और मोमबत्ती को जलाने के लिए दें। मगर उन पर लगातार नजर बनाए रखना भी जरूरी होता है। वहीं उन्हें घर से ज्यादा देरी तक बाहर भी ना रहने दें। पटाखों के कारण पॉल्यूशन से उनको नुकसान भी पहुंच सकता है। उन्हें धुएं के संपर्क और पटाखों के शोर-शराबे से दूर रखा जाना चाहिए। इससे बचने के लिए आप उन्हें ईयर मफ और फेस मास्क भी पहना सकते हैं। यदि बच्चे पटाखा चला रहे हैं तो स्वयं को भी वहां मौजूद रहना जरूरी होता है। वहीं उनके लिए हैवी पटाखों की जगह हल्के पटाखे चुनें। बड़े या ज्यादा शोर करने वाले पटाखों से उन्हें दूर रखा जाए। वहीं एक बाल्टी पानी की भरकर भी साथ जरूर रखें। ताकि फुलझड़ी जलाने के बाद उसकी डंडी उसमें डाल सकें। अपने पास फस्ट एड बॉक्स भी जरूर रखें। ताकि किसी भी तरह की घटना होने पर तुरंत प्राथमिक उपचार किया जा सकें।